जयपुर.
राजस्थान में नए सीएम की शपथ लेने के बाद भजनलाल शर्मा ने सचिवालय पहुंच कर कार्यभार ग्रहण किया। मंत्रोच्चार के बाद भजनलाल जब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो वसुंधरा राजे ने उनके सिर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद दिया और मिठाई खिलाई। यह दृश्य देखकरउस कक्ष में मौजूद हर नेता मुस्करा उठा। राजे डिप्टी सीएम दीया कुमारी का पदभार ग्रहण कराने भी पहुंचीं और यह इस मायने में अहम था कि दीया कुमारी को हालांकि वसुंधरा ही राजनीति में लेकर आई थीं, लेकिन दोनों के बीच पिछले कुछ समय से संबंध सहज नहीं रह गए थे।
इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह में भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। भाजपा की पिछली सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह में सेंटर स्टेज पर रहने वाली वसुंधरा अन्य नेताओं के साथ एक दूसरे मंच पर बैठी नजर आईं और अपने राजनीतिक विरोधियों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बहुत आत्मीयता के साथ बातचीत करते देखी गईं। राजनीति में हालांकि कुछ भी सुनिश्चित नहीं होता, लेकिन राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे की सहजता की ये तस्वीरें बेहद अहम मानी जा रही हैं क्योंकि इन तस्वीरों ने कम से कम अभी के लिए तो पूरे प्रदेश और भाजपा कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए आश्वस्त कर दिया है कि सत्ता का पीढ़ीगत बदलाव यानी जनेरशंस्ल शिफ्ट सहजता से हो गया है और जिस तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं उनका कम से कम अभी कोई अर्थ नहीं है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पदभार ग्रहण के समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही नहीं बल्कि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता जैसे प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन लाल मेघवाल, कैलाश चौधरी, पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया, अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी मौजूद रहे। नेताओं के मौजूदगी के बीच भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया और इसके जरिए पार्टी ने कहीं ना कहीं यह संदेश देने की कोशिश की कि भजनलाल शर्मा के पीछे पूरी पार्टी एकसाथ एकजुट खड़ी है। पार्टी को कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव में जाना है और उस दौरान पार्टी इन्हीं तस्वीरों के साथ जाना चाहेगी।