नई दिल्ली.
कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने के आरोपी शाहरुख पठान को जमानत देने से इनकार कर दिया। कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जेल में आरोपी के व्यवहार और आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में पठान को जमानत देना उचित नहीं है। पठान पर दंगा करने, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले गैरकानूनी जमावड़े सहित कई अपराधों का आरोप है।
बता दें, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगा में शाहरुख ने सरेआम पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानी थी। घटना का वीडियो भी काफी वायरल हुआ था। आरोपी घटना के बाद फरार हो गया था और पुलिस ने तीन मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद है।
शाहरुख़ पठान उस CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के विरोध में हुए प्रदर्शन का हिस्सा था, जो दंगों में तब्दील हो गई और फिर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिन्दुओं को एक साजिश के तहत निशाना बनाया गया। CAA के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान लाया गया था, जबकि इस्लामी संगठन और विपक्षी नेता इसमें मुस्लिमों को जोड़ने के लिए आमदा थे। जबकि, सच्चाई ये है कि इन तीनों मुल्कों में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं।
24 फरवरी, 2020 को शाहरुख़ पठान ने जिस हेड कॉन्स्टेबल पर बंदूक तानी थी, उनका नाम दीपक दहिया था। जिस मामले में उसे जमानत मिली है, वो जफराबाद पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। उसने रोहित शुक्ला नामक व्यक्ति को गोली मार कर जख्मी कर दिया था। हालाँकि, शाहरुख़ पठान जमानत मिलने के बावजूद जेल में ही रहेगा क्योंकि उस पर पुलिसकर्मियों पर हमले का एक अन्य मामला भी चल रहा है। एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने उसे बेल दी।