जैतो
अपने कार्य के प्रति समर्पित और श्रेष्ठम रेल सेवा हेतु फिरोजपुर मंडल में कार्यरत अपर मंडल रेल प्रबंधक / ऑपरेशन यशवीर सिंह गुलेरिया को नई दिल्लीे में 15 दिसम्बर,2023 को 68वें रेल सप्ताह केंद्रीय समारोह में अश्विनी वैष्णव माननीय रेल,संचार,इलैक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री द्वारा अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया गया। 68वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कातर-2023 के लिए सम्पूर्ण भारतीय रेल से 100 कर्मियों को चयनित किया गया था। इनमें से उत्तर रेलवे फिरोजपुर मंडल में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु रेल अधिकारी यशवीर सिंह गुलेरिया को रेलवे का सर्वोच्चम सम्मान दिया गया।
यशवीर सिंह गुलेरिया अपर मंडल रेल प्रबंधक /ऑपरेशन से पहले उप मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर / लुधियाना के पद पर कार्यरत थे। यशवीर सिंह गुलेरिया ने अपने दृढ़ संकल्प, नेतृत्व कौशल और उपलब्ध श्रम बल का कुशलता से उपयोग करते हुए डीएफसीसीआईएल से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों, मैकेनिकल इंटरलॉकिंग से इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और स्वचालित सिगनलिंग कार्यों सहित विभिन्न लक्ष्यबद्ध कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया । इन्होंने मंडी गोविंदगढ़ स्टेशन और 236 रूट साहनेवाल स्टेेशन पर डीएफसीसीआईएल के संबंध में प्रमुख यार्ड रीमॉडलिंग सहित इलैक्ट्रॉनिक/पैनल इंटरलॉकिंग कार्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया।
यशवीर सिंह गुलेरिया के पिता का नाम कुलदीप सिंह गुलेरिया है जो हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशक के निजी सचिव के पद से अवकाश-प्राप्त तथा माता श्रीमती शारदा गुलेरिया जो मुख्य फार्मासिस्ट के पद से अवकाश-प्राप्त है। ये मूलतः हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले के सथना गाँव से हैं। इनका जन्म और प्रारंभिक शिक्षा शिमला में हुई। जन्म के समय इनके पिताजी लिपिक के पद पर कार्यरत थे। इनकी माताजी ने इनके जन्म के पश्चात् फार्मासिस्ट की ट्रेनिंग की ताकि परिवार का निर्वहन अच्छे से हो सकें। इन्हें शुरू से ही मेहनत पसंद थी और 11 वीं और 12वीं के दौरान इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए रसायनशास्त्र और भौतिकी की ट्यूशन पढ़ने के लिए शिमला जैसे पहाड़ी शहर में 20-22 किलोमीटर पैदल चलते थे।
अथक मेहनत के फलस्वरूप 12वीं के तुरंत बाद इन्होंने एंट्रेंस में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया और मालवीय रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार विषय में इंजीनियरिंग की और कॉलेज में दूसरे स्थान पर रहे । इसके बाद 2004 में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी द्वारा संचालित इंजीनियरिंग सेवा में देश में दूसरा स्थान अर्जित किया। तब से अब तक भिन्न-भिन्न पदों पर रहकर रेलवे और देश की सेवा पूरे तन मन धन से कर रहे हैं।