शिवपुरी/ ग्वालियर/ भोपाल
जिला प्रशासन ने नए निर्देशों के बाद धर्म गुरुओं के साथ एक बैठक भी आयोजित की। इस बैठक के बाद धर्म गुरुओं से जब बातचीत की गई तो उन्होंने इन निर्देशों का पालन करने के बारे में बताया कि जो नियम शासन के दौरान निर्धारित किए गए हैं, उनका वह पालन करेंगे।
शिवपुरी के प्राचीन मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पुजारी अरुण शर्मा ने बताया कि नए मुख्यमंत्री के निर्देशों का वह पालन करेंगे और इन नए निर्देशों का वह स्वागत करते हैं। यहां के सहायक पुजारी पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि ज्यादा तेज आवाज लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सरकार के निर्देश का वह स्वागत करते हैं। इसके अलावा अन्य साधु संतों व धर्मप्रेमियों ने भी इन निर्देशों के पालन के लेकर मुख्यमंत्री के नए नियमों का स्वागत किया है।
प्रशासन भी एक्टिव मोड में आया
मध्य प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के बाद नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। शिवपुरी में कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के संबंध में धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक की। इस बैठक में सभी धर्म गुरुओं को नियम निर्देशों से अवगत कराया गया। इस बैठक के दौरान कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने सभी धर्म गुरुओं को ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में जारी निर्देशों के बारे में अवगत कराते हुए निर्धारित नियमों का पालन करने की बात कही।
जिस पर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राजेश चंदेल ने धर्म गुरुओं के साथ मीटिंग कर के धार्मिक स्थलों मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च आदि से लाउड स्पीकर हटाने व विधिवत अनुमति लेकर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
इस बीच थाना हस्तिनापुर में एसडीओपी बेहट् संतोष पटेल और एसडीएम इसरार ख़ान के द्वारा समन्वय से मीटिंग ली गई, जिसमें सिरसोद गांव के मुस्लिम भाइयों ने शासन के आदेश का सम्मान करते हुए ध्वनि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए स्वेच्छा से मस्जिद से लाउड स्पीकर को निकाला गया।
सिरसोद मस्जिद के इमाम उजर अहमद व गांव के बुजुर्ग शमशाद अली व पूर्व सरपंच आबिद अली के साथ मिलकर मुस्लिम भाइयों ने जुम्मे की नमाज़ से पहले मस्जिद के बाहर लगे चार चुंगों हो हटाकर शासन के निर्देश का स्वागत किया। इसके साथ ही छारी मोहल्ला में शिव मंदिर में लगा लाउड स्पीकर भी स्वेच्छा से उतारा। पुलिस प्रशासन के एसडीओपी व एसडीएम ने धर्म गुरुओं के इस निर्णय का फूल माला व शाल से सम्मान किया।