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वेट लॉस से लेकर डायबिटीज तक में फायदेमंद है मक्की की रोटी, सर्दियों में खाने से मिलते हैं ये फायदे

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नई दिल्ली
सर्दियां शुरू होते ही सरसों का साग और मक्की की रोटी ज्यादातर घरों में बनाकर खाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, मक्की की रोटी सिर्फ स्वाद की वजह से ही नहीं बल्कि सेहत के लिए इसके अनगिनत फायदों को देखते हुए भी लोगों के बीच खानी पसंद की जाती है। जी हां, मक्का, जिसे भुट्टा, मकई और कॉर्न के नाम से भी पहचाना जाता है, विटामिन-ए, बी, ई के साथ आयरन, कॉपर, जिंक, मैग्नीज, सेलेनियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सर्दियों में इसके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर से लेकर वेट लॉस तक में फायदा मिलता है। मक्की की रोटी खाने से मिलने वाले ऐसे ही अनगिनत फायदों के बारे में न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल ( Varun Katyal, Nutritionist And Wellness Expert) बता रहे हैं।

न्यूट्रिशनिस्ट वरुण कत्याल कहते हैं कि मक्की का आटा, मकई से तैयार किया जाता है, जो कि सर्दियों में उत्तरी भारत का पारंपरिक भोजन है। मक्की के आटे में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनकी हमारे शरीर को नियमित रूप से आवश्यकता होती है। मक्की के आटे में विटामिन ए, के और सी के अलावा आयरन, फास्फोरस, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट भी प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है।

सर्दियों में मक्की की रोटी खाने के फायदे-

इम्यूनिटी-
सर्दियों में इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से लोग बीमार ज्यादा पड़ते हैं। लेकिन इस मौसम में मक्के का सेवन आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर आपको बीमार पड़ने से बचा सकता है। मक्के में मौजूद जिंक और विटामिन इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।  

शरीर में बनाए रखें गरमाहट-
सर्दियों में शरीर का तापमान कम होने से व्यक्ति को ठंड ज्यादा लगती है। ऐसे में बॉडी को गर्म रखने के लिए गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। मक्के की तासीर गर्म होती है, जिसकी वजह से शरीर में गरमाहट बनी रहती है।

एनीमिया की समस्या से राहत-
शरीर में खून की कमी में सुधार करने के लिए भी मक्की की रोटी का सेवन किया जा सकता है। मक्की की रोटी गेंहू की रोटी की तुलना में आसानी से पच जाती है। साथ ही इसमें मौजूद जिंक, आयरन और बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि में अहम भूमिका निभाते हैं। जिससे शरीर में खून की कमी दूर होती है और व्यक्ति को एनीमिया की समस्या में राहत मिलती है।

डायबिटीज रखे कंट्रोल-
सर्दियों में खानपान में बदलाव और शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण ब्लड शुगर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में मक्के का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। मक्के में फाइबर अधिक पाया जाता है, जो इंसुलिन को बैलेंस रखने में मदद करता है। जिससे ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है।

कब्ज से राहत-
मक्के में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सही बनाकर हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। जिसकी वजह से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है।

गर्भावस्था में फायदेमंद-
गर्भवती महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी होने पर जन्म के समय उनके होने वाले बच्चे का वजन कम हो सकता है। ऐसे में मक्के में मौजूद फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे को लाभ पहुंचा सकती है। गर्भवती महिलाओं को अपने चिकित्सक का परामर्श लेकर मक्के की रोटी का सेवन करना चाहिए।

वेट लॉस-
सर्दियों में व्यक्ति की भूख बढ़ जाती है, ऐसे में गेहूं की रोटी की तुलना में मक्की की रोटी कम खाई जाती है। मक्के की रोटी का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहने के साथ पेट लंबे समय तक भरा भी रहता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति को बार-बार भूख नहीं लगती और वो बार-बार खाने से बच जाता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिल सकती है। यह पाचनतंत्र को बूस्ट करने के साथ ही आपके वजन प्रबंधन में भी मदद करता है।