वाराणसी
महिला अफसर ने पुलिस आयुक्त से मिलकर गुहार लगाई थी। बताया कि लेह में तैनाती के दौरान देवाशीष से दोस्ती हुई थी। स्वाजातीय होने पर देवाशीष ने विवाह का प्रस्ताव दिया। घरवालों से बातचीत के बाद मैंने उसे स्वीकार कर लिया। बीते सितंबर माह में सरकारी काम से जबलपुर गईं थीं। 21 सितम्बर को देवाशीष ने प्लेन का टिकट बुक कराकर मां सुष्मिता मुखर्जी से मिलने के लिए मुझे वाराणसी बुलाया। ठहरने के लिए अपने घर पर व्यवस्था की।
रात में देवाशीष मेरे कमरे में आया और शादी का हवाला देकर जबरदस्ती अप्राकृतिक संबंध बनाया। महिला अफसर का आरोप है कि देवाशीष समलैंगिक चरित्र का है। दूसरे दिन उसकी मां ने दहेज में 80 लाख का मकान दिलाने को कहा। साथ ही बारात का खर्चा भी उठाने को कहा। इनकार करने दोनों ने हाथापाई की। पुलिस से शिकायत की बात कहने पर दोनों ने माफी मांगकर मामला रफा-दफा कर दिया।
दूसरी रात देवाशीष ने फिर मुझसे अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और वीडियो भी बना लिया। सुबह उसकी मां ने गाली-गलौज शुरू कर दी। चाकू लेकर मारने के लिए दौड़ा लिया। किसी तरह पीड़िता ने खुद को कमरे में बंद कर जान बचाई। कुछ देर बाद देवाशीष आया और पीड़िता को होटल ले गया। वहां भी उससे अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता के साथ एक मंदिर में जाकर शादी की।
आशीर्वाद के लिए मां के पास गये तो फिर से 80 लाख रुपये की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर शादी नहीं मानने की बात कही। जब दोनों वापस लेह यूनिट में गए तो वहां देवाशीष का व्यवहार बदल गया। पंजीकृत शादी के नाम पर वह भी 80 लाख रुपये, मां से माफी मांगने की बात कहने लगा।