रूपाली गांगुली ने सोनाली बेंद्रे, फाल्गुनी पाठक के साथ 'साड़ी वॉकथॉन' में लिया भाग
मुंबई
एक्ट्रेस रूपाली गांगुली, जो 'साराभाई वर्सेज साराभाई', 'अनुपमा' और अन्य में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं, ने 'साड़ी वॉकथॉन' में भाग लिया। साथ ही अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे और सिंगर फाल्गुनी पाठक से मुलाकात की।
रूपाली ने इंस्टाग्राम पर कई तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें उन्हें साड़ी पहने देखा जा सकता है। वह सोनाली बेंद्रे, सोनाली कुलकर्णी, मिनी माथुर, फाल्गुनी, जन्नत जुबैर और अन्य के साथ पोज दे रही हैं। सभी एक्ट्रेस ने साड़ी पहनी हुई थी।
तस्वीरों के साथ कैप्शन में एक्ट्रेस ने लिखा, ''स्ट्राइड विद प्राइड में रविवार की इस खूबसूरत सुबह में हर महिला खूबसूरत थी। बेहतरीन पहल पूनम महाजन, बेहद शानदार था 'साड़ी वॉकथॉन'''
एक्ट्रेस ने आगे लिखा, ''अनुपमा ने भी यही किया था… रील को रियल में तब्दील होते देखना बहुत अच्छा लगा। सालों बाद लोगों से मिलीं, सोनाली बेंद्रे आप हमेशा के लिए मेरी सबसे पसंदीदा में से एक हो। इसके अलावा सुबह-सुबह मेरी पसंदीदा फाल्गुनी पाठक जी, सोनाली कुलकर्णी, मिनी माथुर से मुलाकात हुई। जन्नत जुबैर, रूबल नागी, अनीता डोंगरे, यास्मीन कराचीवाला आपको इतने दिनों के बाद देखकर बहुत अच्छा लगा। सचमुच यह मेरे एक खूबसूरत शुरुआत थी… पूर्ण नारी शक्ति।''
रूपाली इन दिनों शो 'अनुपमा' में लीड रोल में नजर आ रही हैं। यह शो बंगाली सीरीज 'श्रीमोयी' पर आधारित है। इसमें सुधांशु पांडे, मदालसा शर्मा और गौरव खन्ना भी हैं। यह शो स्टार प्लस पर प्रसारित होता है।
जापान 'सकुरा साइंस हाई स्कूल' में 64 भारतीय छात्र-छात्राएं
नई दिल्ली
असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, लद्दाख, उत्तर प्रदेश और गोवा स्थित सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 64 छात्र जापान की यात्रा पर हैं। छात्रों को यहां जापान के अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ जापान की संस्कृति से भी अवगत होने का अवसर मिलेगा।
इस समूह में 26 छात्र और 38 छात्राएं हैं। युवा विद्यार्थियों का बौद्धिक ज्ञान बढ़ाने और उनमें वैज्ञानिक खोज की भावना विकसित करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को जापान की अल्पकालिक यात्राओं के लिए आमंत्रित किया जाता है, जिस दौरान उन्हें जापान के अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ इसकी संस्कृति से भी अवगत होने का अवसर मिलता है।
यह कार्यक्रम 10 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा। ये मेधावी स्कूली विद्यार्थी इन 11 राज्यों के केवीएस और एनवीएस से हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने इन 64 बच्चों को रवाना किया। जापान विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) ने अन्य देशों के साथ-साथ भारत के भी विद्यार्थियों को ‘सकुरा साइंस हाई स्कूल कार्यक्रम 2023’ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
भारत ने पहली बार इस कार्यक्रम में अप्रैल 2016 में भाग लिया था। अब तक इस कार्यक्रम के तहत 75 पर्यवेक्षकों के साथ 468 विद्यार्थी जापान की यात्रा कर चुके हैं। 57 छात्रों के आखिरी बैच ने जुलाई 2023 में जापान की यात्रा की थी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र के महत्व पर विशेष जोर देते हुए इस बात का अनुमोदन किया गया है कि ‘शिक्षा दरअसल समग्र, एकीकृत, रोचक और अपने आप में सहज होनी चाहिए।’ इसके साथ ही एनईपी 2020 में कहा गया है कि सभी चरणों में अनुभवात्मक शिक्षा को प्रत्येक विषय के अंतर्गत मानक शिक्षाशास्त्र के रूप में और विभिन्न विषयों के बीच आपसी जुड़ाव की खोज के साथ अपनाया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस संदर्भ में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और तकनीकी विकास की दृष्टि से अत्यंत अहम माने जाने वाले विभिन्न स्थानों की शैक्षणिक यात्राएं और भ्रमण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
असम के मुख्यमंत्री के दैनिक कार्यों, भाषणों पर आधारित पुस्तकों का विमोचन
गुवाहाटी
अमस के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के कार्यकाल के दूसरे वर्ष पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया गया है जिनमें राज्य के शासन में रोज आने वाली चुनौतियों से लेकर अहम मुद्दों पर दिए गए उनके भाषण शामिल हैं।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने 'मुख्यमंत्री डायरी 2' और 'मुख्यमंत्री वक्तृता संकलन 2' का विमोचन किया।
पहली पुस्तक मुख्यमंत्री द्वारा लिखी गयी है जिसमें उनके दैनिक कार्यों की बारीकियों और पेचीदगियों का उल्लेख है। इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के कामकाज में आने वाली चुनौतियों, लिए गए फैसलों और समग्र गतिशीलता का वर्णन है।
दूसरी पुस्तक उनके कार्यकाल के दूसरे वर्ष के दौरान विभिन्न अवसरों पर दिए गए चुनिंदा 65 भाषणों का संग्रह है।
इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि यह दोनों पुस्तकें भावी पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि किताब से पाठकों को सरकारी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय के कामकाज के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
शर्मा ने उम्मीद जतायी कि ये पुस्तकें भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि डायरी के पहले भाग की बिक्री से होने वाली कमायी मुख्यमंत्री राहत कोष में दी जाएगी।