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कनम राजेंद्रन का आधिकारिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

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कनम राजेंद्रन का आधिकारिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

कोट्टायम
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की केरल इकाई के सचिव कनम राजेंद्रन का कोट्टायम में उनके पैतृक गांव में बिगुल, बंदूकों की सलामी और 'लाल सलाम' के नारे के बीच रविवार सुबह आधिकारिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

राजेंद्रन (73) का पार्थिव शरीर शनिवार रात यहां कनम गांव स्थित उनके आवास लाया गया था और रविवार सुबह सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, भाकपा महासचिव डी. राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव एम. वी. गोविंदन, राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन और कृषि मंत्री पी. प्रसाद समेत कई वरिष्ठ नेता राजेंद्रन को अंतिम विदाई देने पहुंचे।

कनम के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही उनके आवास के बाहर हर उम्र के लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। जैसे ही उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, लोगों ने ‘लाल सलाम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और कई लोग यह कहते हुए रोने लगे कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके प्रिय नेता अब उनके बीच नहीं रहे।

राजेंद्रन का शुक्रवार यानी आठ दिसंबर की रात कोच्चि के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को अगली सुबह एक विशेष विमान से तिरुवनंतपुरम लाए जाने के बाद राजधानी में पार्टी मुख्यालय पीएस मेमोरियल में रखा गया जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद, उनके पार्थिव शरीर को एक बस में सड़क मार्ग से कोट्टायम स्थित उनके गांव ले जाया गया, जहां हजारों लोग राजेंद्रन के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए रास्ते में खड़े हुए। राजेंद्रन का हृदय और गुर्दे से संबंधित समस्याओं और मधुमेह सहित कई बीमारियों का इलाज किया जा रहा था।

मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से किया लोकसभा चुनाव के लिए दोगुनी मेहनत का आह्वान

लखनऊ
 बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गरीबों, पिछड़ों और वंचित समाज को 'वोट हमारा, राज तुम्हारा' की शोषणकारी व्यवस्था से मुक्ति दिलाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा चुनाव में दोगुनी मेहनत कर पार्टी का जनाधार बढ़ाने का आह्वान किया है।

मायावती ने रविवार को लखनऊ में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश दिये।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ''आंबेडकरवादी पार्टी के रूप में बसपा का प्रयास बहुजन समाज के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारे के आधार पर जोड़कर उनकी राजनीतिक शक्ति बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर की सोच के मुताबिक विकसित करने की है ताकि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके सभी गरीब व बहुजन समाज के लोग अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बन जायें।''

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जन व देशहित की नीति और सिद्धान्त के बजाय विरोधी पार्टियों की धनबल, लुभावने वादों व छलावेपूर्ण दावों के सहारे राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ का ठीक से सामना करने के लिए 'दोहरी मेहनत' से संगठन की मजबूती व जनाधार को बढ़ाएं ताकि 'वोट हमारा, राज तुम्हारा' की लगातार चली आ रही शोषणकारी व्यवस्था से सर्वसमाज के गरीबों एवं अन्य मेहनतकश बहुजनों को इससे जल्द मुक्ति मिल सके।

मायावती ने कहा कि देश के चार राज्यों में अभी हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में बहुकोणीय संघर्ष होता दिखने के बावजूद परिणाम बिल्कुल एकतरफा हो जाना एक ऐसा मुद्दा है जो चर्चा का विषय है। सवाल यह है कि क्या लोकसभा का अगला चुनाव भी इसी प्रकार के छद्म नारों और चुनावी छलावों के आधार पर लड़ा जाएगा और गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि ज्वलन्त समस्याओं से त्रस्त जनता बेबस सब कुछ देखती रहेगी या फिर उसका कोई लोकतांत्रिक समाधान भी निकलेगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से चुनावी चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में बने रहने का विरोधी पार्टियों का प्रयास देश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उचित नहीं है। इसी का नतीजा है कि सरकार विरोधी लहर के बावजूद चुनाव परिणाम लोगों की अपेक्षा के मुताबिक नहीं होते हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि अब आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनावी माहौल को जातिवादी और साम्प्रदायिक रंग में झोंककर प्रभावित करने का प्रयास किया जायेगा ताकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन से लोगों का ध्यान बांटा जा सके। सवाल यह है कि जनता अपनी मुसीबतों को समझ कर भी अगर अनजान बनी रहे तो क्या उनके परिवार की तकदीर बदल पायेगी?

कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए: आईजीपी

श्रीनगर
 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वी के बिरदी ने कहा, ''यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि घाटी में हर परिस्थिति में शांति बनी रहे।''

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम