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16 से पहले राजस्थान में सीएम की शपथ! रेस में सबसे आगे ये 6 दिग्गज, 4 नाम तो आपको भी चौंका देंगे

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जयपुर

राजस्थान में नई सरकार के गठन और भावी मुख्यमंत्री (Rajasthan New CM Latest Update) को लेकर पिछले पांच दिन से बीजेपी में कशमकश जारी है। आगामी दो दिन में नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लग जाएगी। बीजेपी आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया है। तीनों पर्यवेक्षक रविवार 10 दिसंबर को जयपुर आएंगे। रविवार या सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक होगी। इसी में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। मुख्यमंत्री की दौड़ में राजस्थान के 6 नेता सबसे आगे चल रहे हैं। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम खास तौर से सामने आ रहा है। वहीं चर्चा है कि 16 दिसंबर से पहले शपथ ग्रहण पूरा कर लिया जाएगा। से में मुख्यमंत्री की रेस में शामिल तिजारा विधानसभा से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक बाबा बालकनाथ ने एक बयान जारी कर खुद को इस रेस से बाहर कर लिया है। बालकनाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मुख्यमंत्री पद से खुद को बाहर कर लिया है। बाबा बालकनाथ ने अपनी पोस्ट में लिखा है, 'पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बनाकर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया है। चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।'

16 दिसंबर से पहले नए सीएम का शपथ ग्रहण क्यों?

भारतीय पंचांग के अनुसार 16 दिसंबर को सूर्य धुन राशि में प्रवेश करेगा। इसे मलमास कहा जाता है और मलमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते है। ऐसे में नई सरकार का गठन 16 दिसंबर के पहले होना तय माना जा रहा है। बस इसी वजह से बीजेपी में लगातार जारी माथापच्ची के बाद तीन पर्यवेक्षकों को चुना है। वो राजस्थान में विधायकों के साथ बात करके सीएम के नाम पर पूरी रिपोर्ट आलाकमान को देंगे। जिसके बाद मुख्यमंत्री का फैसला हो जाएगा।

सीएम रेस में सबसे आगे वसुंधरा राजे

साल 2003 से लेकर 2008 और 2013 से लेकर 2018 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे सीएम रेस में सबसे आगे चल रही हैं। वे 5 बार सांसद रह चुकी हैं और लगातार छठवीं बार विधायक बनी हैं। राजे के समर्थन में कई विधायक डटकर खड़े हैं जिनमें से कुछ ने बयान जारी कर दिए हैं कि राजे ही उनकी पहली पसंद हैं। भले ही बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने इस बार राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया लेकिन राजस्थान में 5 महीने बाद लोकसभा चुनाव है। ऐसे में लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। राजे की नाराजगी से पार्टी को बड़ा नुकसान होना तय माना जा रहा है।

राजस्थान बीजेपी चीफ सीपी जोशी भी मुकाबले में

बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मुख्यमंत्री के दावेदार माने जा रहे हैं। चित्तौड़गढ़ से लगातार दो बार सांसद रहे सीपी जोशी पीएम मोदी के पसंदीदा नेताओं में माने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी और प्रदेश संगठन में चल रही गुटबाजी को दूर करने की कोशिश की। जोशी के आने के बाद गुटबाजी कम हुई या नहीं, यह अलग बात है लेकिन कहीं भी अंदरुनी विवाद बाहर नहीं आया। जोशी मेवाड़ के नए चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं।

ओम माथुर का नाम भी सुर्खियों में

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले हैं। वे पिछले कई साल के संगठन में अलग-अलग पदों पर रहकर अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। ओम माथुर वर्ष 2008 से 2009 तक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रदेश बीजेपी में चल रही गुटबाजी से हमेशा दूर रहने वाले माथुर को भी भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा है।