भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने चुनाव के बाद शैक्षणिक गतिविधियों और कार्यों में तेजी लाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। प्रदेश भर के एनआईसी केंद्रों से सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव,कालेजों के प्राचार्य और विभागीय अधिकारी अपने-अपने केंद्र पर एकत्रित होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। कुछ विषयों पर चर्चा के लिए विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डा. धीरेंद्र शुक्ल मौजूद रहे। इस बैठक में सभी विवि से परीक्षा परिणाम,यूजी-पीजी प्रथम सेमेस्टर के नामांकन शुल्क, स्वयं पोर्टल के माध्यम से आनलाइन पंजीयन और शिक्षण, विद्यार्थियों के आनलाइन प्रमोशन की समीक्षा,नैक मूल्यांकन की समीक्षा, पेंशन आडिट और अनुदान पर चर्चा हुई।
इसके अलावा छात्रवृति,आउटसोर्स पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही, भोज विवि के केंद्रों में प्रवेश,स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना,न्यायलयीन प्रकरणों,अराजपत्रित संवर्ग के रिक्त पदों, प्रयोगशाला और ग्रंथालय उन्नयन, जनभगीदारी निधि, दिसंबर 2023 से मार्च 24 तक हुए लाेकार्पण व भूमिपूजन कार्यों की जानकारी ली गई। सभी कालेजों को निर्देशित किया गया कि वे किस विधानसभा और संसदीय क्षेत्र में आते हैं। इसकी जानकारी गूगल फार्म के माध्यम से प्रदान करें। सत्र 2023-24 के बजट सहित एजेंडे में शामिल करीब 21 बिंदुओं के अलावा अध्यक्ष की शामिल बिंदुओं गई। प्रदेश भर के कालेजों में प्रवेश का आंकड़ा बढ़ाने के लिए स्कूलों में अभी से कालेज चलो अभियान चलाया जाएगा। सत्र 2024-25 के तहत कालेजों में प्रवेश का आंकड़ा बढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में कालेज चलो अभियान 11 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलाया जाएगा। इसके तहत स्कूलों में 12वीं के विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। संबंधित महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं जिला शिक्षा अधिकारी एवं स्कूलों के प्राचार्य के सहयोग से यह अभियान चलाया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में किया जाएगा जागरूक
विभाग ने अभियान के तहत महाविद्यालय के प्राध्यापक, स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारियों एवं 12वीं के प्राचार्य के सहयोग से विद्यालयों के विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। इसमें पीपीटी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पूरी जानकारी दी जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नवीन प्रविधानों से 12वीं उत्तीण होने वाले विद्यार्थियों को अवगत कराया जाना है। इसमें विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए नए पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दी जाएगी।