भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद आज शाम को यह तय हो जाएगा कि प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ इस पद पर बने रहेंगे या वे इस्तीफा देंगे। दरअसल आज शाम को दिल्ली में कांग्रेस मध्य प्रदेश में हुई हार की समीक्षा करने जा रही है। समीक्षा बैठक में कांग्रेस के राष्टÑीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल रहेंगे।
बैठक में कमलनाथ के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह शामिल रहेंगे। नेता प्रतिशत डॉ. गोविंद सिंह स्वयं चुनाव हार गए हैं। इधर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने यह संकेत दिए हैं कि कमलनाथ फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। उनके नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा का चुनाव होगा। सूत्रों की मानी जाए तो इस बैठक में यह तय हो जाएगा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अब पद पर रहेंगे या नहीं। बैठक में हार के कारणों के साथ इस पर भी विचार होगा कि लोकसभा का चुनाव प्रदेश में नए नेतृत्व के साथ लड़ा जाए या कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाए । बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दो दिन पहल अपनी रिपोर्ट राष्टÑीय अध्यक्ष खड़गे को दी है। जिसमें उन्होंने हार के कारण का उल्लेख किया है।
कमलनाथ मैदान छोड़ने वाले नहीं
इधर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि कमलनाथ मैदान छोड़ने वाले व्यक्ति नहीं हैं, जब तक मध्यप्रदेश में कांग्रेस का परचम बुलंदी से नहीं फहराएगा तब तक कमलनाथ की तपस्या अधूरी है। इस हार के बाद भी कांग्रेस को जो अधिक वोट मिले हैं उसका श्रेय कमलनाथ को दे रहे हैं। पार्टी ने दावा किया है कि कांग्रेस को 40 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं जो कमलनाथ की ही देन है। कमलनाथ ने प्रदेश के 65 हजार बूथों तक कांग्रेस के पदाधिकारी की तैनाती की। कांग्रेस के इतिहास में पहली बार हर बूथ पर पीएलए की नियुक्ति की गई। कमलनाथ ने संगठन का व्यापक ढांचा तैयार किया। मंडलम-सेक्टर में न सिर्फ नियुक्तियां की गई।
नेता प्रतिपक्ष का कार्यकाल खत्म, सचिवालय ने जारी की सूचना
विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के चुनाव हारने के बाद विधानसभा सचिवालय ने पंद्रहवी विधानसभा के विघटन की घोषणा कर दी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष के दायित्वों से मुक्त कर दिया है। सचिवालय ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। पंद्रहवी विधानसभा में अध्यक्ष बने गिरीश गौतम और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह का कार्यकाल भी इस विधानसभ के विघटन के साथ समाप्त हो गया है। अब नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर सदन के भीतर शपथ दिलाएंगे। शपथ के बाद नवनिर्वाचित विधायकों का प्रशिक्षण भी होगा।