Home मध्यप्रदेश मिशन-29 की तैयारी में भाजपा-कांग्रेस का गिर रहा वोट प्रतिशत

मिशन-29 की तैयारी में भाजपा-कांग्रेस का गिर रहा वोट प्रतिशत

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भोपाल

राजस्थान, छतीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड विजय के बाद पार्टी नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सफलता के प्रति आशान्वित है। तीनों राज्यों में जिस तरीके से मतदाताओं ने मौन रहकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया उससे यह बात साफ जाहिर हो जाती है कि मतदाता के मन में मोदी हैं।  यदि मध्य प्रदेश की बात करें तो 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में डाले गए कुल मतों के 50 प्रतिशत से अधिक प्राप्त किए थे।

जब मत अधिक प्राप्त हुए तो प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 2014 में 27 और 2019 में 28 जीती थीं। इसी तरह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने प्रदेश में कुल मतों में से 48.55 प्रतिशत प्राप्त किए, जो कांग्रेस को प्राप्त मतों से 8.15 प्रतिशत अधिक रहे हैं। इस तरह विधानसभा की 230 सीटों में से भाजपा ने 163 जीत कर प्रदेश में  71 प्रतिशत के करीब हिस्से पर कब्जा कर लिया है।  यदि विधानसभा से लोकसभा चुनाव की तुलना करें तो दोनों में भिन्नता रहती है। मत देते वक्त मतदाता का मन दोनों चुनावों में भी मुद्दे अलग-अलग रहते हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्राप्त मतों के प्रतिशत को देखें तो पता चलता है कि कांग्रेस को प्राप्त होने वाले मतों का प्रतिशत लगातार कम हो रहा हो।

2009 से कांग्रेस की स्थिति
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40.14 प्रतिशत मत प्राप्त कर 12 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद 2014 और 2019 में कांग्रेस एक या दो स्थानों पर सिमट गई।  2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा अभी से तैयारी में जुटने वाली है।  देखना है आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का नारा 'अबकी बार 29 पार' सफल हो पाएगा या नहीं।

कांग्रेस के उम्मीदवार 50 हजार वोट के आंकड़े को नहीं छू पाए
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में जहां रिकार्डतोड़ 77.15 फीसदी मतदान हुआ। मोदी मैजिक के चलते बीजेपी को 48.55 फीसदी वोट मिला। मतदाताओं के लिहाज से देखे तो बीजेपी को 2.11 करोड़ मतदाताओं ने वोट दिया। वर्ष 2018 के मुकाबले बीजेपी का  इस बार 7.53 वोट शेयर फीसदी बढ़ा। जिसके चलते बीजेपी को इस बार 54 सीटों पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक मिली। वहीं बीजेपी  20 उम्मीदवार ऐसे रहे जो 50 हजार से अधिक वोटो से  चुनाव जीते। कांग्रेस के उम्मीदवारों के हिस्से में बड़ी जीत का अंतर देखने को नहीं मिला।  कांग्रेस की बात करें तो उसमें 0.49 फीसदी की मामूली गिरावट आई है। 

बीजेपी को मिले अधिक वोटो और इस आंशिक गिरावट के चलते  कांग्रेस की सीटे घटकर  66 हो गई। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जहां 40.40 फीसदी वोट मिला। अगर मतदाताओं के लिहाज से देखे तो कांग्रेस को 1.75 करोड़ मतदाताओं ने अपना वोट दिया।  विधानसभा चुनाव में बीजेपी के वोट फीसदी बढ़ने से बीजेपी के तीन विधायक ऐसे रहे जो एक लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते । वहीं कांग्रेस में सबसे बड़ी जीत पीसीसी चीफ कमलनाथ के हिस्से में आई। 36 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे। कांगे्रस के ऐसे भी उम्मीदवार है जो एक हजार से कम मतों से भी चुनाव जीते। महिदपुर से कांग्रेस विधायक जहां 290 वोट से चुनाव जीते। बैहर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी संजय उइके बीजेपी प्रत्याशी को 551 वोट से चुनाव हराने में सफल रहे। विक्की पटेल बारासिवनी से 1003 वोटों से चुनाव जीते।

अधिक मतों से चुनाव जीतने वाले बीजेपी के विधायक
विधायक                                अंतर
रमेश मेंदोला                        107047
कृष्णा गौर                            106668
शिवराज सिंह चौहान              104974
रामेश्वर शर्मा                         97910