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राजस्थान के लिए बीजेपी ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए, 3 लोगों को सौंपा जिम्मा

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जयपुर

राजस्थान में नए सीएम को लेकर भाजपा ने पर्यवेक्षकों के नाम घोषित कर दिए है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े औऱ सरोज पांडे पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए है। ये पर्यवेक्षक राजस्थान को लेकर विधायकों से रायशुमारी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक हो सकती है। राजस्थान में सीएम के दावेदारों के लिए विधायकों से बात करेंगे। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित होगा। फैसला आलाकमान पर छोड़ा जा सकता है। तीनों पर्यवेक्षकों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सबसे वरिष्ठ है। यूपी से आते है। जबकि सरोड पांडे छत्तीसगढ़ से आती है। विनोद तावड़े महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता माने जाते है। तीनों विधायकों से सीएम फेस को लेकर रायशुमारी करेंगे। 

दिल्ली में वसुंधरा राजे जेपी नड्डा से मिलीं 

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच करीब आधा घंटे बात हुई है। माना जा रहा है कि बैठक में सीएम फेस को लेकर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। हालांकि, क्या चर्चा हुई है। इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे ने रिसाॅर्ट  पाॅलिटिक्स और बाड़ाबंदी पर नड्डा के सामने अपना पक्ष रखा है। राजे ने साफ कहा कि उनका कोई लेना देना नहीं है। पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है। साथ ही वसुंधरा राजे ने विधायकों से मिलने के पीछे किसी तरह के शक्ति प्रदर्शन से इंकार किया है। नड्डा को भरोसा दिलाया है कि वह पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता है। पार्टी लाइन से अलग हटकर काम नहीं कर सकती है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई है। 

सीएम को लेकर फंसा पेच

सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में पांच दिन बाद भी सीएम को लेकर निर्णय नहीं हो पा रहा है। इसका मतलब साफ है कि सीएम के लिए एक से ज्यादा दावेदार है। सभी दावेदार मजबूत बताए जा रहे है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, ओम माथुर, अश्विन वैष्णव, वसुंधरा राजे और किरोड़ी लाल मीणा के नाम रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि, कुछ नाम रेस से बाहर भी हो गए है। जबकि किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि आलाकमान का निर्णय सभी को मान्य होगा। उन्होंने विधायकों द्वारा वसुंधरा राजे के पक्ष में की गई बयानबाजी पर नाखुशी जाहिर की है।