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पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक से 65.8 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला

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पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक से 65.8 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला

इस्लामाबाद
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से 65.8 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला है। इसमें बाजार दर पर 30 करोड़ डॉलर का महंगा ऋण भी शामिल है।

कुछ दिन पहले वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने देश की सार्वजनिक ऋण की स्थिति को खराब करार दिया था।

एडीबी ने बयान में कहा, "इस सप्ताह पाकिस्तान को अधिक समावेशी और सतत वृद्धि और विकास लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए कुल 65.88 करोड़ डॉलर की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।"

 घोषणा में कहा गया है, "एडीबी ने तीन अलग-अलग कर्ज के तहत वित्तपोषण पैकेज को मंजूरी दी है। इनमें घरेलू संसाधन जुटाने में सुधार के लिए 30 करोड़ डॉलर, पिछले साल अगस्त में आई विनाशकारी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों के पुनर्वास के लिए 27.5 करोड़ डॉलर और खाद्य सुरक्षा में सुधार और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए आठ करोड़ डॉलर की मदद शामिल है।"

समाचार पत्र 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के अनुसार, "मनीला मुख्यालय वाली ऋण एजेंसी ने यह घोषणा तब की है जब विश्व बैंक के ऋण प्रबंधन और स्थिरता मिशन ने देश के कर्ज प्रबंधन की समीक्षा के लिए वित्त मंत्री अख्तर से मुलाकात की है।"

डॉ. अख्तर ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि पाकिस्तान का कर्ज का बोझ 'अस्थिर' हो गया है। इस धारणा से दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के उपाध्यक्ष मार्टिन रायसर सहमत नहीं थे। एक साक्षात्कार में रायसर ने देश के कर्ज को 'सतत' बताया था।

एडीबी पहले से ही पाकिस्तान के ऋण प्रबंधन कार्यालय के आधे कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर रहा है।

सौर मॉड्यूल के दाम घटने से मार्च, 2025 तक देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 170 गीगावाट होगी : इक्रा

नई दिल्ली
 भारत मार्च, 2025 तक 38 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की बढ़ोतरी के साथ अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (जीडब्ल्यू) को 170 गीगावाट तक पहुंचा सकेगा। रेटिंग एजेंसी इक्रा के एक विश्लेषक ने कहा कि इसमें सौर मॉड्यूल की कीमतों में नरमी का भी अहम योगदान होगा।

इक्रा में कॉरपोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और खंड प्रमुख विक्रम वी ने कहा कि देश में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अक्टूबर, 2023 में 130 गीगावाट थी।

उन्होंने कहा कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के मार्च, 2025 तक 170 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें सौर मॉड्यूल की कीमतों और नीतिगत समर्थन का भारी योगदान होगा।

विक्रम ने कहा कि इसके बाद क्षमता वृद्धि को चालू वित्त वर्ष में निविदा गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार से समर्थन मिलने की संभावना है। अब तक 16 गीगावाट से अधिक की परियोजनाओं के लिए बोली लगाई जा चुकी है और केंद्रीय नोडल एजेंसियां 17 गीगावाट और के लिए बोलियों की प्रक्रिया में हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 12 माह में सौर पीवी सेल और मॉड्यूल की कीमतों में क्रमश 65 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की गिरावट आई है।

देश में लॉजिस्टिक दक्षता, वैश्विक रैकिंग में सुधार को लेकर लक्षित कार्ययोजना बनायी गयी

नई दिल्ली
 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि देश की लॉजिस्टिक दक्षता और वैश्विक रैकिंग में सुधार को लेकर विभिन्न विभागों के साथ लक्षित कार्ययोजना साझा की गयी है और व्यापक स्तर पर आंकड़े तैयार किये जा रहे हैं।

वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक बयान में कहा कि इन प्रयासों से विश्व बैंक की लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) में भारत की रैंकिंग में सुधार होगा।

विश्व बैंक की टीम को भारत की लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार के लिए उठाये जा रहे कदमों और आगामी उपायों तथा सुधारों के बारे में जानकारी देने को लेकर बुधवार को यहां डीपीआईआईटी में विशेष सचिव (लॉजिस्टिक) सुमिता डावरा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।

बैठक में लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक टीम के नोडल अधिकारी शामिल हुए। इसमें नागर विमानन, रेलवे, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग, अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) तथा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास लि. (एनआईसीडीसी) तथा विश्वबैंक के प्रतिनिधि शामिल थे।

बयान के अनुसार, ''विभिन्न मंत्रालयों/विभागों ने लक्षित कार्ययोजना को साझा किया। साथ ही देश की लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार के लिए व्यापक स्तर पर आंकड़े तैयार किये जा रहे हैं। इन प्रयासों से विश्व बैंक एलपीआई में भारत की रैंकिंग में सुधार होगा।''

बैठक के दौरान, मंत्रालयों/विभागों की तरफ से अपनाई गई बेहतर गतिविधियों की जानकारी दी गयी। इससे दक्षता में सुधार लाने में मदद मिल रही हैं।

जो उपाय और सुधार किये गये हैं, उनमें संचालन को डिजिटल करने और एलपीएआई द्वारा एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) पर सभी संबद्ध पक्षों के बीच सूचना के सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक प्रवाह की सुविधा को लेकर भूमि बंदरगाह प्रबंधन प्रणाली (एलपीएमएस) का कार्यान्वयन शामिल है। साथ ही, रेल मंत्रालय ने रेलवे ट्रैक के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की योजना बनाई है।

बयान के अनुसार, ''नागर विमानन मंत्रालय में ई-एयर वे बिल (ई-एडब्ल्यूबी) और ई-कार्गो सुरक्षा घोषणा जैसे डिजिटल उपाय भी किये गये हैं। ई-गेटपास का कार्यान्वयन सितंबर, 2024 में होना है।''

डावरा ने कहा कि लक्षित हस्तक्षेप वाले इन उपायों से देश में लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा।