नईदिल्ली
देश में बीते कुछ सालों में अचानक मौतों के मामलों ने लोगों को हैरान किया है। यहां तक कि डॉक्टर और ICMR जैसी संस्थाएं भी जानने की कोशिश करती रही हैं कि इसकी वजह क्या है। इस बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा में पता चला है कि अकेले साल 2022 में ही करीब 57 हजार लोगों की अचानक मौत हो गई। इनमें से 57 पर्सेंट मामले ऐसे थे, जिनमें मृतकों को हार्ट अटैक आया था। NCRB के अनुसार इस तरह 2021 के मुकाबले 2022 में अचानक मौतों के मामले में 12 फीसदी का इजाफा हो गया।
राज्यों की पुलिस की ओर से मिली जानकारी के आधार पर NCRB सालाना रिपोर्ट तैयार करता है। इस तरह अचानक मौतों में वे मामले भी हैं, जिनमें पुलिस केस नहीं हुआ था। पुलिस अचानक हुई मौतों को अप्रत्याशित निधन के तौर पर देखती है, जिसमें हिंसा से इतर किसी की मौत हो गई हो। अचानक मौतों की वजह की बात करें तो हार्ट अटैक के अलावा ब्रेन हैमरेज भी एक बड़ी वजह रही है। बता दें कि पिछले महीने एक स्टडी में बताया गया था कि अचानक मौतों और कोरोना वैक्सीन का कोई संबंध नहीं है।
दरअसल ऐसी भी चर्चाएं थीं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोग अचानक मौतों का शिकार हो रहे हैं। फिर ICMR ने ऐसे मामलों का अध्ययन किया और रिपोर्ट में यह बात गलत निकली। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले दिनों सलाह दी थी कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था, वे लोग कुछ सालों तक बहुत ज्यादा मेहनत और हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज न करें। NCRB का कहना है कि 2022 में कुल 3.9 लाख मौतों में 13.4 फीसदी मौतें अचानक हुई थीं। यही नहीं डेटा बताता है कि इन मौतों का शिकार होने वाले लोगों में पुरुषों की संख्या अधिक है। इनमें भी एक तिहाई लोगों की उम्र 45 से 60 बरस के करीब थी।
बीते साल अचानक होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा 14,927 केस महाराष्ट्र से थे। इसके अलावा केरल में 6,607 और कर्नाटक में 5,848 थे। बता दें कि बड़ी संख्या में प्राकृतिक बीमारी या फिर घर पर ही अचानक हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों के मामले पुलिस में दर्ज नहीं होते। इसलिए यह आंकड़ा कम भी हो सकता है। बीते साल भी इन राज्यों की रैंकिंग ऐसी ही थी। डेटा बताता है कि 2022 में हार्ट अटैक से 32,410 मौतें हुईं, जो बीते साल के मुकाबले 14 फीसदी अधिक है।