डूंगरपुर
राजस्थान में हर विधानसभा में कोई न कोई नई पार्टी अस्तित्व में आती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. सूबे के आदिवासी अंचल में चुनाव से पहली बनी भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने पहली ही बार में अपने तीन प्रत्याशी जीता कर आदिवासी इलाके में बीजेपी और कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी है. इस पार्टी ने अपने पहले चुनाव में आदिवासी बाहुल्य इलाके में 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. उनमें से तीन ने धमाकेदार जीत दर्ज कराई है. वहीं उसके पांच प्रत्याशी ने बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरे स्थान पर रहे हैं.
आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों पर इस बार भी परिणाम 2018 जैसा ही रहा. गत विधानसभा चुनावों में उभरी भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) से अलग होकर नई बनी नई पार्टी बीएपी ने जिले की 2 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की. वहीं भाजपा और कांग्रेस को 1-1 सीट पर जीत मिली है. इस बार भाजपा ने आसपुर की बजाय सागवाड़ा सीट पर जीत दर्ज की. वहीं आसपुर में बीएपी ने कब्जा जमाया है. जिले की चार विधानसभा सीट में से तीन सीटों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही है.
चौरासी सीट पर बीएपी की धमाकेदार जीत हुई
डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर बीएपी के राजकुमार रोत ने रिकॉर्ड 69 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. चौरासी विधानसभा सीट पर बीएपी के राजकुमार रोत को 1 लाख 11 हजार 150 वोट मिले हैं. राजकुमार ने भाजपा के सुशील कटारा को 69 हजार 166 वोटों से हराया है. सुशील को 41 हजार 984 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के ताराचंद भगोरा 28 हजार 120 वोट ही प्राप्त कर सके.
डूंगरपुर के आसपुर सीट बीजेपी से छीनी
इस पार्टी ने आसपुर विधानसभा पर भी कब्जा जमा लिया है. वहां बीएपी के उमेश मीणा ने 28 हजार 940 वोटों से जीत हासिल की है. उमेश को 93 हजार 742 वोट मिले हैं. उनके सामने मैदान में उतरे भाजपा के गोपीचंद मीणा को इस बार हार मिली है. वे बीते 10 साल से लगातार विधायक थे. भाजपा के गोपीचंद मीणा को गोपीचंद को 64 हजार 802 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस के राकेश 31 हजार 630 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे हैं.
धरियावद सीट पर भी बीएपी ने जमाया कब्जा
बीएपी ने पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ की धरियावद सीट भी हथिया ली है. वहां भी भारतीय आदिवासी पार्टी के थावरचंद ने 83,655 मत प्राप्त कर 6691 मतों से जीत दर्ज की है. वहां दूसरे स्थान पर भाजपा के कन्हैयालाल मीणा रहे. उन्हें 76,964 मत प्राप्त हुए. कांग्रेस यहां भी तीसरे स्थान पर पिछड़ गई. कांग्रेस प्रत्याशी नगराज मीणा को 46,449 मत प्राप्त हुए. हालांकि धरियावद में कुछ समय पहले हुए उपचुनाव में बीटीपी समर्थित निर्दलीय थावरचंद ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था और भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी. लेकिन इस बार कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई है.
डूंगरपुर में गणेश घोघरा फिर चुनाव जीते
डूंगरपुर जिले की दो अन्य सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. इनमें डूंगरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के गणेश घोघरा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. गणेश घोघरा 18 हजार 642 वोटों से जीते. गणेश घोघरा को 68 हजार 458 वोट मिले हैं. उन्होंने बीएपी के कांतिलाल को हराया. कांतिलाल को 59 हजार 816 वोट मिले हैं. तीसरे स्थान पर भाजपा के बंशीलाल कटारा रहे. बंशीलाल को 45 हजार 87 वोट मिले.
बीएपी पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही
सागवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा के शंकर डेचा ने 12 हजार 982 वोट से जीते हैं. शंकर डेचा ने बीएपी के मोहनलाल रोत को हराया है. मोहनलाल को 63 हजार 619 मत मिले हैं. यहां भी कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही है. कांग्रेस के कैलाश रोत को 47 हजार 402 मत मिले हैं. बीएपी ने आदिवासी इलाके प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, उदयपुर ग्रामीण और डूंगरपुर समेत अन्य जिलों में कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे. पार्टी के जीते हुए चेहरों में पुराना चेहरा राजकुमार रोत हैं. राजकुमार ही पार्टी के सर्वेसर्वा हैं. बाकी दोनों चेहरे नए हैं. बीएपी डूंगरपुर, सागवाड़ा और घाटोल समेत पांच सीटों पर दूसरे नंबर रही है.