नई दिल्ली
कहते हैं प्रधानमंत्री की कुर्सी का सफर उत्तर प्रदेश की सियासत से होकर गुजरता है, मगर इस सफर में सपोर्ट में हिंदी पट्टी के राज्यों की भी अहम भूमिका होती है। जिसका हिंदी पट्टी के राज्यों पर कब्जा रहा उसके लिए लोकसभा चुनाव आसान हो जाता है। इसकी सूरत हाल ही में सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों – राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा जीत के तौर पर देखने को मिली। इन राज्यों में बीजेपी जीत का सेहरा प्रधानमंत्री मोदी के सिर सजा रही है। विधानसभा चुनावों में राज्यों के छत्रपों को नामों को पीछे रख पार्टी पीएम मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ी जिसका नतीजा अब सामने आ गया है।
फिर फेल हुई कांग्रेस के सियासत
कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कद्दावर नेता जैसे अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कमलनाथ और भूपेश बघेल को सामने कर चुनाव मैदान में उतरी थी वहीं बीजेपी ने इन राज्यों में सिर्फ पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। इन प्रदेशों में बीजेपी ने अपने सीएम कैंडिडेट्स को घोशित नहीं किया। कांग्रेस के बड़े नामों के बदले लोगों ने पीएम मोदी के चेहरे तले बीजेपी को इन राज्यों में सिरमौर बनाया है। लिहाजा अब यह कहा जा सकता है, इस लिटमस टेस्ट में भी पीएम मोदी पूरी तरह से पास हो गए हैं। क्योंकि सत्ता के सेमीफाइनल कहे जाने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर आने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर पीएम मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी के बेहद करीब ला देती है।
कैसे कायम हुआ मोदी मैजिक
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्य में चुनाव प्रचार का जिम्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने लिया हुआ था। पीएम मोदी ने कैंपेन संभाली और अमित शाह ने जमीनी स्तर पर पार्टी की जीत के लिए काम किया। वहीं, पार्टी की जनआशीर्वाद यात्रा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी शिवराज के बजाय केंद्रीय मंत्रियों को सौंप दी गई। यहां तक की मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए भी शिवराज सिंह चौहान के नाम की घोषणा नहीं की गई। इसके अलावा, बीजेपी ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।
क्यों अहम हैं हिंदी पट्टी के राज्य
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में पार्टी ने अपनी रणनीति और माइक्रो-मैनेजमेंट पर खास काम किया है, ताकि कार्यकर्ता चुनाव जीतने के लिए काम करें और पार्टी को विजयी बनाएं। बीजेपी नेता कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव से इस बार का चुनाव इसलिए अलग है क्योंकि इस बार पार्टी के कैडर ने ज्यादा सक्रियता दिखाई है। हिंद पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी की जीत को बीजेपी आगे आने वाले लोकसभा चुनावों में भी भुनाना चाहेगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीटों पर बीजेपी की जीत केंद्र की सत्ता में वापसी की राह तय कर सकती है।