Home राजनीति चुनावी परिणामों में कितना सही साबित हुआ गैरकानूनी सट्टा बाजार?

चुनावी परिणामों में कितना सही साबित हुआ गैरकानूनी सट्टा बाजार?

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नईदिल्ली

क्रिकेट हो या इलेक्शन, सट्टा बाजार हमेशा गरम रहता है. खेल और राजनीति में अक्सर अप्रत्याशित परिणाम आते हैं, यही वजह है कि दोनों सट्टा बाजार के लिए मुफीद हैं. सट्टा अनुभव और अनुमान के आधार पर लगाया जाता है. ये कई बार सही साबित होता है, तो कई बार गलत. इस बार भी मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जमकर सट्टेबाजी हुई है. सटोरियों ने चुनाव परिणाम आने से पहले ही बता दिया कि किस राज्य में किस राजनीतिक दल की सरकार बनने जा रही है. इतना ही नहीं किस राज्य में कौन मुख्यमंत्री बनेगा, सट्टा बाजार में ये भी पहले ही तय हो गया था. ऐसे में आइए जानते हैं कि सट्टा बाजार के अनुमान कितने सही साबित हुए हैं.

सट्टा बाजार के अनुमान को जानने से पहले आइए ये जान लेते हैं कि चारों राज्यों के चुनाव परिणामों के रुझान क्या हैं. ताजा अपडेट के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है. वहीं तेलंगाना में कांग्रेस को बढ़त मिली हुई है. काउंटिंग से पहले एग्जिट पोल के नतीजे आए थे. इसमें राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई गई थी. हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार, तो कुछ में कांग्रेस की सरकार बनेगी, ऐसा अनुमान लगाया गया था. लेकिन अभी तक जो रुझान आए हैं, उससे यही साबित हुआ है कि कुछ को छोड़कर ज्यादातर एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं.

इसके ठीक उलट सट्टा बाजार में बिल्कुल सही अनुमान लगाया गया था. सट्टा बाजार में पहले ही बता दिया गया था कि मध्यप्रदेश में पांचवी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. बीजेपी को पूर्ण बहुमत को मिल सकती है. इसके साथ ही बीजेपी को 115-117 सीटें मिलने का दावा किया गया, जबकि कांग्रेस को 114-116 सीटें मिलने की बात कही गई. इतना ही नहीं शिवराज सिंह ही मुख्यमंत्री बनेंगे ये भी दावा किया गया है. हालांकि, चुनाव के पहले से ही इस बात पर संशय है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उनको मुख्यमंत्री बनाएगा. लेकिन शिवराज ने मध्य प्रदेश में जिस तरह से चुनाव प्रचार किया है, उनकी लोकप्रियता है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां भी सट्टा बाजार का अनुमान सही होगा. 

इसी तरह फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) ने राजस्थान में बीजेपी की सरकार आने की बात कही थी. हालांकि, चुनाव के बाद और एग्जिट पोल से पहले राजस्थान को लेकर सट्टा बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था. सट्टा बाजार में पहले बीजेपी की 120 से 122 सीटें आने का आंकलन किया गया था, जो बाद में 110 से 112 पर आ गया. यहां 110 सीटों का भाव 1 रुपए चल रहा था. इसके साथ ही सटोरियों के मुताबिक राजस्थान में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने की पूरी संभावना हैं. सट्टा बाजार का अनुमान है कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा वसुंधरा राजे के चेहरे के रुप में प्रोजेक्ट ना करके एक बड़ी भूल की है. यदि बीजेपी वसुंधरा राजे को प्रोजेक्ट करती 160 से ज्यादा सीटें मिल सकती थी.

सट्टा बाजार ने छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया था. इसके अनुसार सूबे में बीजेपी को 50 से 52 सीटें मिलने की संभावना थी. वहीं कांग्रेस के लिए 37 से 39 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया था. यहां कुल 90 सीट हैं. ऐसे में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने की बात कही गई थी. क्रिकेट और चुनावों के दौरान सट्टेबाजी के मामले फलोदी सट्टा बाजार के आंकलन को ज्यादा सही माना जाता है. बताते चलें कि फलोदी राजस्थान का एक जिला है. यहां बड़े पैमाने पर सट्टे बाजी की जाती है. यहां के लोग ज्यादातर चुनाव, क्रिकेट और मौसम को लेकर सट्टा लगाते हैं. यहां के सटोरी सटीक आंकलन के लिए जाने जाते हैं. यही वजह है कि फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) हमेशा से चर्चा में रहता है. 

भारत में सट्टेबाजी, उसके खिलाफ कानून और मिलने वाली सजा

भारत में सट्टेबाजी को लेकर कोई देशव्यापी कानून नहीं है. इसे राज्य सरकारों के उपर छोड़ दिया गया है. इसके खिलाफ कानून बनाना राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है. जैसे देश में कई राज्यों में सट्टेबाजी पूरी तरह से बैन है. इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं. वहीं कुछ राज्यों में सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिली हुई है. इनमें गोवा, सिक्किम और पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं. राजस्थान में पब्लिक गैंबलिंग (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत 50 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जाते हैं. पहले राजस्थान सार्वजनिक जुआ अध्यादेश 1949 के तहत कार्रवाई की जाती थी. अब नए कानून के तहत जुआ-सट्‌टाघर चलाने वालों के लिए जेल के साथ जुर्माने का प्रावधान किया गया है.