भोपाल
मध्यप्रदेश में दस विधानभा सीटें ऐसी है जहां पिछले विधानसभा चुनावों की अपेक्षा इस बार जीत-हार की बाजी पलट सकती है। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में जीते उम्मीदवारों की जीत का मार्जिन एक हजार से भी कम है। इन सीटोें के चुनाव परिणामों पर भाजपा और कांग्रेस दोनो के नेताओं की नजर है। इनमें सात सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार काफी कम मार्जिन से चुनाव जीते थे। ये फिर से भाजपा की झोली में जा सकती है। पिछले विधानसभा आम चुनावों में सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार काफी कम मतों से चुनाव जीते थे।
इनमें ग्वालियर दक्षिण से कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह को सबसे कम 121 मतों के अंतर से हराया था। इसके बाद सुआसरा में कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़े हरदीप सिंह डंग ने मात्र 350 मतों से भाजपा के राधेश्याम को चुनाव हराया था। भाजपा में सबसे कम मतों से चुनाव जीतने वालों में बीना से भाजपा के महेश राय ने केवल 460 मतों से कांग्रेस के शशि कथोरिया को पराजित किया था। इनके बादभाजपा के ही राजेन्द्र पांडे राजू भैया ने मात्र 511 मतों से कांग्रेस के केके सिंह को चुनाव में हराया था। जबलपुर उत्तर से कांग्रेस के विनय सक्सेना मात्र 578 मतों से चुनाव जीते थे। उन्होंने भाजपा के शरद जैन को पराजित किया था। कोलारस से भाजपा के वीरेन्द्र रघुवंशी ने 720 मतों से कांग्रेस के महेश यादव को हराकर पिछला चुनाव जीता था। कांग्रेस के विक्रम सिंह नाती राजा मात्र 732 मतों से राजनगर सीट से भाजपा के अरविंद पटेरिया को पराजित कर चुनाव जीते थे। दमोह से कांग्रेस के राहुल सिंह ने भाजपा के जयंत मलैया को मात्र 798 मतों से पराजित किया था। ब्यावरा में कांग्रेस के गोवर्धन दांगी 8726 मतों से और राजपुर में कांग्रेस के बाला बच्चन मात्र 932 मतों से चुनाव जीते थे। इन सभी दस सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की विशेष नजर रहेगी।
जिन नौ मंत्रियों की सीटों पर मतदान घटा वहां के परिणामों पर भी नजर
प्रदेश के नौ मंत्रियों के क्षेत्र में इस बार मतदान प्रतिशत घटा है इन पर भी राजनीतिक दलों की नजर रहेगी। इनमें पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के क्षेत्र में पिछले चुनाव की अपेक्षा 5.25 प्रतिशत मतदान घटा है। रामखेलावन पटेल की अमरपाटन विधानसभा में 1.03 प्रतिशत और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह की खुरई सीट पर 2.02 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। तुलसी सिलावट,जगदीश देवड़ा, मीना सिंह, विश्वास सारंग, उषा ठाकुर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के विधानसभा क्षेत्रों में भी मतदान का प्रतिशत कम हुआ है। यहां के परिणामों पर भी राजनीतिक दलों की नजर है।