भोपाल
तीन दिसंबर को मतगणना के बाद प्रदेश की सत्ता की ताजपोशी कांग्रेस के हिस्से में आए या भाजपा के, लेकिन माना जा रहा है कि शपथ समारोह का साक्षी राजधानी का जंबूरी मैदान ही बनेगा। भाजपा के लिए जंबूरी मैदान पहले से ही काफी शुभ रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2008 और वर्ष 2013 में इसी मैदान पर सीएम पद की शपथ लिए थे।
लाडली बहना योजना का शुभारंभ भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसी मैदान से किया था। भाजपा ने वर्ष 2008, वर्ष 2013, वर्ष 2018 कार्यकता महाकुंभ का आयोजन भी इसी मैदान पर आयोजित की थी। वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सितंबर माह में यहीं पर कार्यकर्ता महाकुं भ सभा को संबोधित किया था। वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो वर्ष 2018 में कमलनाथ भी जंबूरी मैदान पर ही सीएम पद का शपथ लिए थे।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता के कमान के लिए भाजपा और कांग्र्रेस ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इतना तो तय है कि प्रदेश में बहुमत कांग्रेस के पास आये या फिर भाजपा के पास लेकिन शपथ समारोह बहुत ही भव्य तरीके से आयोजित होगा। भाजपा ने जहां विधानसभा चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना टंÑप कार्ड के रूप में इस्तेमाल किया तो वहीं कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए कोई कोर- कसर नहीं छोड़ी।
भाजपा के लिए यह मैदान शुरू से शुभ रहा
विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन हो या सरकारी योजनाओं की शुरूवात हो दोनों से कंडीशन में भाजपा के लिए यह मैदान शुभ रहा है। प्रयोग के तौर पर बीजेपी ने वर्ष 2008 में इस मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन काफी सफल रहा और विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। यही सिलसिला वर्ष 2013 में भी रहा।
दिग्गजों के मन में केवल जंबूरी मैदान
विधानसभा चुनाव परिणाम आने में भले ही चार दिन का समय बचा हो। भाजपा और कांग्रेस के अधिकांश नेता खुद को जंबूरी मैदान में सीएम के साथ मंत्री पद का शपथ लेते हुए खुद को देख रहे है। भाजपा के आधा दर्जन मंत्री और विधायक तेलंगाना से लौटने के बाद आत्मविश्वास से पूरी तरह से लबरेज दिखाई दे रहे है। विधानसभा चुनाव में जिस तरह से मतदान हुआ है उसकों लेकर दोनों राजनीतिक पार्टियां अपनी- अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है। भोपाल में जंबूरी मैदान ही एकमात्र ऐसा मैदान में जहां बड़े स्तर पर आयोजन हो सकता है।