नईदिल्ली
चीन में फैली रहस्यमय बीमारी से दुनिया दहशत में है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि उत्तरी चीन के अस्पताल सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों से भरे हुए हैं। डॉक्टरों से सलाह लेने के लिए ही घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बीजिंग में 7000 बीमार रोज पहुंच रहे हैं। मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर चरमराने लगा है। पीड़ित बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार और जुकाम जैसे लक्षण दिख रहे हैं।
बीमारी को फैलने से रोकने के लिए स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। चीन के हेल्थ कमिशन का कहना है कि फेफड़ों के इस संक्रामक मर्ज के पीछे कई पैथोजन्स हैं। इन मामलों में इजाफे के पीछे इन्फ्लुएंजा बड़ा कारण है। साथ ही, राइनोवाइरस, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और रेस्पिरेटरी सिंसाइटियल वायरस भी फैल रहे हैं। भारत सरकार ने चीन से आ रही रिपोर्ट्स को देखते हुए राज्यों को अलर्ट किया है। उनसे सभी एहतियाती उपाय करने को कहा गया है। पढ़ें, चीन में नई बीमारी से जुड़े 5 बड़े अपडेट
चीन में फैली बीमारी से केंद्र अलर्ट, राज्यों को दी सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को तुरंत स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने ज्यादा सतर्कता बरतते हुए सांस संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए प्रारंभिक उपायों की सक्रिय रूप से समीक्षा करने का फैसला किया है।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि बिस्तरों की उपलब्धता, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाओं और टीकों, मेडिकल ऑक्सिजन, एंटीबायोटिक्स, निजी सुरक्षा उपकरण, टेस्ट किट, ऑक्सिजन प्लांट और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता आदि की समीक्षा की जाए।
सलाह दी गई है कि बच्चों और किशोरों में बीमारी के मामलों पर बारीकी से नजर रखें। जांच सैंपल लैब भेजने के लिए कहा गया है।
चीन के दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों में बढ़ रहे इस तरह के मामले
इस बीच देखा जाए तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार (24 नवंबर) को एक बयान में कहा था कि चीन के बच्चों में एच9एन2 के प्रकोप और उनके श्वसन संबंधी कई बीमारी से घिरने की घटना पर सरकार गहन नजर रखे हुए है. अपने दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों के लोगों खासकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के बढ़ते मामलों पर वैश्विक चिंताओं के बीच, चीन ने दावा किया है कि मौसमी बीमारी के अलावा इसका कारण कोई असामान्य या नया रोगाणु नहीं पाया गया है.
मामलों में बढ़ोतरी पर चीन के उत्तरी हिस्से के स्कूल किए बंद
इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप के चलते चीन के उत्तरी हिस्से में स्कूलों को बंद करना पड़ा है. चीन के स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि रोगाणुओं का संयोजन तीव्र श्वसन संक्रमण में वृद्धि का कारण बन रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रवक्ता मी फेंग का कहना है कि इन्फ्लुएंजा, मामलों में बढ़ोतरी के मुख्य कारणों में से एक है. उनका कहना है कि राइनोवायरस (Rhinovirus), माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma Pneumoniae) और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (Respiratory Syncytial Virus) भी फैल रहे हैं.
WHO ने मांगी रिपोर्ट, कोविड-19 का खतरा भी बढ़ा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चीन में बढ़ते वायरस को लेकर वहां के आधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन और पेइचिंग चिल्ड्रंस हॉस्पिटल ने WHO को बताया कि अस्पतालों में मरीजों को दिखाने और भर्ती होने के मामले बढ़े हैं।
हालांकि, बीमारी की वजह को लेकर कोई चिंता की बात नहीं कही गई है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि मार्च तक इस बीमारी का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण के फिर से बढ़ने के खतरे को लेकर भी चेतावनी दी है।
चीन ने कहा, ऐसा फ्लू की वजह से
चीन ने कहा कि उसके यहां सांस की बीमारी में बढ़ोतरी फ्लू और दूसरे ज्ञात कारणों से है, न कि किसी नए वायरस के कारण। चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि और ज्यादा क्लिनिक खोले जाएं। बच्चों और बुजुर्गों के बीच वैक्सिनेशन को बढ़ाया जाए।
कोविड प्रतिबंध हटने के बाद चीन में यह पहला सर्दी का मौसम है और वहां बीमारियों की लहर चली है। अधिकारियों ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों और नर्सिंग होम जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बीमारी न फैले।