नई दिल्ली
अंतर-सरकारी ढांचे के तहत भारत मार्च तक अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन खरीदने के ऐतिहासिक सौदे को अंतिम रूप दे सकता है। उम्मीद है कि अमेरिकी कांग्रेस से अगले कुछ हफ्तों में इन ड्रोन की आपूर्ति को मंजूरी मिल जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी जनरल एटोमिक्स (जीए) से ड्रोन खरीद के लिए भारत के अनुरोध पत्र (एलओआर) पर वाशिंगटन से जवाब मिलने के बाद अमेरिका और भारत के अधिकारी खरीद पर अंतिम बातचीत करेंगे। सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए (खासकर चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर) भारत लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम इन 'हंटर-किलर' ड्रोन को खरीद रहा है।
तीन अरब अमेरिकी डालर का आएगा खर्च
ड्रोन की कीमत को बातचीत के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन अनुमान है कि इन पर लगभग तीन अरब अमेरिकी डालर का खर्च आएगा। सूत्रों के अनुसार, निर्धारित प्रक्रिया के तहत समझौता भारत और अमेरिकी सरकार के बीच होगा और पेंटागन भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकता के बारे में जनरल एटोमिक्स को बताएगा। समझा जाता है कि भारत द्वारा ड्रोन की प्रस्तावित खरीद का मुद्दा इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड जे. आस्टिन के बीच बातचीत के दौरान उठा था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए जनरल एटोमिक्स से दो एमक्यू-9बी समुद्री-गार्जियन ड्रोन एक वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर लिए थे। बाद में लीज की अवधि बढ़ा दी गई थी।पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में वृद्धि हुई है।