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आलसी लोगों के लिए अच्छी खबर, इन कम मेहनत वाले कामों से भी घटता है मोटापा

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नई दिल्ली
हेल्थ एक्सपर्ट्स वेट लॉस के लिए वॉकिंग, रनिंग या एक्सरसाइज की सलाह देते हैं। अगर आप आलसी हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। रिसर्च में सामने आया है कि बैठने के बजाय आप क्या ऐसा कर सकते हैं जो आपका वजन नियंत्रित रख सकता है। यहां जाने क्या है ये रिसर्च, साथ ही देश-दुनिया के कई और ऐसे शोध जो आपके काम के हो सकते हैं।

कम मेहनत वाले काम से भी घटता है वजन
विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि सुस्त जीवनशैली मोटापे के साथ-साथ कई अन्य जानलेवा बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है। अब तक माना जा रहा था कि सिर्फ शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वाली गतिविधियां जैसे व्यायाम, तैराकी, साइकलिंग आदि से ही वजन कम किया जा सकता है। पर, यूरोपियन हार्ट जर्नल नाम की पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कम मेहनत वाले काम जैसे सोने से भी वजन कम हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक हर दिन 30 मिनट बैठने की जगह उतनी ही देर सोने से बॉडी मास और कमर की चौड़ाई में कमी दर्ज की गई। यहां तक कि खड़े रहने और हल्का-फुल्का टहलने से भी ऐसे ही परिणाम दर्ज किए गए। पर, शोधकर्ता इन गतिविधियों को व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों के बदले इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हैं।

अंगदान में महिलाएं हैं अव्वल
1995 से 2022 के बीच इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में अंगदान करने में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। जहां, हर पांच से चार अंगदान करने वाली महिलाएं हैं, वहीं हर अंगदान प्राप्त करने वालों में हर पांच में चार पुरुष हैं। एकत्रित आंकड़ों के अनुसार इन  सालों में भारत में 36, 640 अंग प्रत्यारोपण किए गए, जिसमें अंग प्राप्त करने वाले 29, 000 पुरुष थे, वहीं इसमें महिलाओं की संख्या महज 6, 945 थी।  महिलाओं के ऊपर अंगदान करने का सामाजिक और आर्थिक दबाव बहुत ज्यादा होता है। कई दफा वे भावनात्मक वजहों से भी ऐसा निर्णय लेती हैं।

अस्थमा के हैरान करने वाले कारण
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक आर्थिक परेशानियों के कारण अभिभावक के बढ़े तनाव से बच्चों में अस्थमा के लक्षणों में इजाफा होता है। 14 साल की अवधि में 3, 900 बच्चों से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। आमतौर पर माना जाता है कि स्मोकिंग, प्रदूषण और एलर्जी के कारण अस्थमा लक्षण उभरते हैं, पर इस अध्ययन की मानें तो मनोवैज्ञानिक कारण भी इस परेशानी में इजाफा करते हैं।

फूड एलर्जी बढ़ा सकती  है यह खतरा भी
एक नए अध्ययन के मुताबिक दूध व मूंगफली आदि से होने वाली फूड एलर्जी दिल की बीमारियों और उससे होने वाली मौत का खतरा बढ़ा सकती है। यह खतरा उन लोगों को भी हो सकता है, जिनमें एलर्जी के लक्षण स्पष्ट रूप से नजर नहीं आते। जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक एलर्जी के कारण दिल की बीमारियों का यह खतरा स्मोकिंग, डायबिटीज और गठिया आदि के कारण दिल की सेहत को उपजे खतरे जितना ही होता है। 5, 374 लोगों से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।