रतलाम
मौसम विभाग के अनुमान अनुुसार अंतिम दिनों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया और मावठे की पहली जोरदार बारिश से जिला तरबतर हो गया। किसानों के अनुसार मावठे से रबी सीजन की प्रमुख गेहूं-चना के साथ अन्य फसलों को लाभ होगा। तापमान में गिरावट से बच्चे और बड़े सभी दिनभर गर्म वस्त्रों में लिपटे नजर आए। कई स्थानों पर अलाव भी जलाए गए। अधिकतम तापमान में 5.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, वहीं रात के तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सुबह की आर्द्रता 79 प्रतिशत व शाम की 88 प्रतिशत रही, जो क्रमश: 70 व 55 प्रतिशत थी।
नवंबर माह की विदाई के अंतिम दिनों में मौसम ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक मावठे की पहली जोरदार वर्षा शुरू हो गई। दिन में अंधेरा छाने से वाहन चालकों को हेडलाइट चलाकर आवाजाही करना पड़ी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो एक नया पश्चिमी विक्षोभ देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में पहुंचने वाला है। साथ ही पूर्वी और पश्चिमी हवाएं आपस में टकराने वाली है। जिसके चलते कई जिलों में वर्षा व ओलावृष्टि होने का अनुमान है। 28 नवंबर तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
गेहूं, चना की फसल में फायदा
प्रीतमनगर: क्षेत्र में दोपहर तक बादल छाने के बाद करीब तीन बजे मावठे की तेज वर्षा शुरू हो गई। किसान मुकेश पाटीदार ने बताया कि मावठे की बारिश से रबी सीजन की गेहूं, चना की फसल में फायदा होगा। मटरफली में नुकसान होगा। वर्तमान समय में मटर पककर तैयार खड़ी है। किसान फली तोड़कर मंडी में बेचने पहुंच रहे हैं। गेहूं, चना की फसल खेतों में लहलहा रही है। वर्तमान में खरपतवार नाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है। किसान अभी सिंचाई कार्य में व्यस्त थे। अब कुछ दिनों सिंचाई कार्य बंद हो जाएगा।
किसानों के चेहरे खिले
सैलाना: क्षेत्र में दोपहर बाद मावठे की जोरदार वर्षा से चारों तरफ पानी ही पानी हो गया। किसानों के चेहरे खिले-खिले नजर आए। मौसम में ठंडक खुल गई। किसानों का कहना है कि मावठे की वर्षा रबी फसलों के लिए फायदेमंद होगी। मौसम में बदलाव के बाद दिनभर जलेबी, गराडू, चाय, काफी की दुकानों पर शौकीनों की भीड़ लगी रही। सभी गप्पे लड़ाते हुए व्यंजनों का लुत्फ उठाते रहे।