अमेरिका में भारतीय डॉक्टर ने हिंदू धर्म के लिए दान किए 33 करोड़ रुपये
वाशिंगटन
अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर मिहिर मेघानी ने हिंदू धर्म के प्रचार के लिए 40 लाख डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) दान करने की घोषणा की है। डॉ मेघानी का कहना है कि उनके संगठन 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' ने इस साल सिलिकॉन वैली के वार्षिक समारोह में अगले 8 सालों में हिंदू हितों के लिए 15 लाख डॉलर दान देने का संकल्प लिया। उससे समय-समय पर किया गया उनका कुल दान 40 लाख डॉलर हो जाएगा।
डॉ मेघानी ने कहा हिंदू सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है और इसे बस आस्था या विश्वास मानना गलत है। उन्होंने कहा कि अमेरिकियों को यह बात समझने में दिक्कत होती है क्योंकि ज्यादातर ईसाई हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका के लोगों को लगता है कि हिंदू भी बस एक धर्म है, लेकिन ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह और उनकी पत्नी लाखों डॉलर नहीं कमा रहे, लेकिन यह उनका धर्म और कर्तव्य है। डॉ मेघानी ने 2003 में अपने 3 दोस्तों, यूरोलॉजिस्ट असीम शुक्ला, वकील सुहाग शुक्ला और श्रम कानून वकील निखिल जोशी, के साथ मिलकर हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पिछले 15 सालों में इस संगठन को 15 लाख डॉलर का दान दिया है। साथ ही हिंदू और भारत समर्थक संगठनों को भी 10 लाख डॉलर दान किए। इस तरह उनका कुल 40 लाख डॉलर का दान है।
इस्राइल युद्ध के सभी लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध : नेतन्याहू
तेलअवीव
हमास द्वारा इस्राइली बंधकों के पहले बैच को रिहा करने के बाद, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सरकार गाजा से सभी बंधकों की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह युद्ध के उद्देश्यों में से एक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में, नेतन्याहू ने कहा, 'हमने अभी-अभी अपने पहले बंधकों की वापसी पूरी की है: बच्चे, उनकी मां और अतिरिक्त महिलाएं शामिल हैं।
बंधक समझौते के प्रति इस्राइल की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने आगे कहा, 'हम सभी बंधकों को वापस करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह युद्ध के उद्देश्यों में से एक है और हम युद्ध के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल और हमास के बीच बंधक सौदे के हिस्से के रूप में, इस्राइली बंधकों के पहले समूह को रेड क्रॉस के लिए अंतर्राष्ट्रीय समिति के कर्मचारियों को सौंप दिया गया है।
ऋषि सुनक को ओपिनियन पोल में मामूली बढ़त, लेबर पार्टी की लोकप्रियता अब भी ज्यादा
लंदन
ब्रिटेन सरकार ने इस हफ्ते संसद के निचले सदन में पेश बजट में कुछ कर कटौती की घोषणा की। इसके बाद ओपिनियन पोल में मिली मामूली बढ़त का प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी जश्न मना रहे हैं। बता दें कि देश में अगले साल आम चुनाव होने हैं, उससे पहले सुनक सरकार ने बजट में कर कटौती का एलान किया है।
वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने संसद में बजट पेश किया। इसके बाद यहां के दैनिक समाचार पत्र 'द टाइम्स' ने जनता के बीच 'आपकी सरकार' (यूगोव) नाम से एक सर्वेक्षण किया। इसके मुताबिक, कंजर्वेटिव पार्टी (टोरीज) की लोकप्रियता रेटिंग बढ़कर 25 फीसदी हो गई। यह पिछले हफ्ते की तुलना में चार अंक अधिक है। हाल के हफ्तों में पार्टी की यह सबसे ज्यादा रेटिंग है।
हालांकि, विपक्षी लेबर पार्टी की अपनी 44 फीसदी रेटिंग बरकरार है। उसकी लोकप्रियता रेटिंग में कोई बदलाव नहीं आया है। अखबार ने अपने एक विश्लेषण वाले लेख में बताया कि यह सितंबर मध्य के बाद से सबसे ज्यादा रेटिंग है और पिछले साल अप्रैल में सुनक की उच्चतम रेटिंग से मात्र तीन अंक नीचे हैं।
इसमें आगे कहा गया कि लेबर पार्टी अभी भी सरकार पर 19 अंकों की बढ़त बनाए हुए है। अखबार ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि ज्यादातर मतदाताओं को भरोसा नहीं है कि वित्त मंत्री हंट के द्वारा की गई घोषणा का देश में जमीनी स्तर पर असर पड़ेगा।
सर्वेक्षण में पाया गया कि हंट के राष्ट्रीय बीमा कर की दर में दो पेंस की कटौती के उपाय को पिछले चुनाव में 61 फीसदी मतदाताओं समर्थन दिया था। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी का समर्थन करने वाले 72 फीसदी लोगों ने इसका समर्थन किया था। वहीं, न्यूनतम मजदूरी को 11.44 ब्रिटिश पाउंड (प्रति घंटे) तक बढ़ाने के लिए 85 फीसदी जनता का समर्थन मिला था।