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दुनिया की आबादी घटकर हो जाएगी 2 अरब, भारत के 12 राज्य हैं ट्रेंड सेटर

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नई दिल्ली

दुनिया की बढ़ती आबादी के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। दुनिया के कई देशों में जन्मदर में काफी सुधार हुआ है। भारत ने भी इस मामले में शानदार प्रदर्शन किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 300 वर्षों में दुनिया की आबादी 8 अरब से घटकर 2 अरब तक हो जाएगी। वर्तमान समय की बात करें तो भारत और चीन की ही जनसंख्या 3 अरब के करीब है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 से लेकर 2080 के बीच दुनिया की जनसंख्या सर्वाधिक करीब 10 अरब के करीब पहुंचेगी। इसके बाद इसमें कमी देखने को मिलेगी।

टेक्सास विश्वविद्यालय के जनसंख्या शोध केंद्र में काम करने वाले महान अर्थशास्त्री डीन स्पीर्स ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए लिखे अपने लेख में कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा है कि अगले 300 वर्षों में दुनिया में मनुष्यों का जन्मदर 1.5 के करीब बना रहेगा। वर्तमान समय में कई देशों में यह 2 से भी अधिक है। दक्षिण अफ्रीका का साल 2022 में जन्म दर 2.1, इंडोनेशिया में 1.9 और भारत में 1.8 के करीब रहा।

भारत ने बढ़ते जन्मदर के मामले में काफी सुधार किया है। 2020 में यह 2 के करीब था। अब यह 1.8 तक लुढ़का है। इसके और नीचे जाने की संभावना है। भारत में वर्तमान समय में युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। औसतन 28 साल की सर्वाधिक जनसंख्या है। हालांकि, 2048 तक यह 40 तक जा सकता है। जापान की बात करें तो यह अभी ही 49 के करीब है। 

भारत से सीखे कोंगो और नाइजीरिया जैसे देश
दुनिया के कई देशों में जन्मदर के मामले में सुधार हुआ है, लेकिन आज भी कई ऐसे देश हैं जहां की स्थिति ठीक नहीं है। उन देशों में कोंगो, नाइजीरिया और इथोपिया भी शामिल है, जिसे भारत से सीख लेने की जरूरत है। 1981 से 2020 के बीच भारत के 12 राज्यों ने जन्मदर के मामले में काफी शानदार काम किया है। हरियाणा में जन्मदर में 60 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल में भी 60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

इंसानों के अस्तित्व पर खतरा?
बता दें कि बहुत सारी बड़ी  अर्थव्यवस्थाओं का टीएफआर पहले ही 2.0 से नीचे आ चुका है। भारत का ही टीएफआर 1.8 है। इसके हिसाब से ही देशों में बुजुर्गो की संख्या भी बढ़ने लगेगी। भारत की औसत आयु फिलहाल 28 साल है। ऐसे में भारत में युवाओं आबादी ज्यादा है लेकिन 2048 तक यह बढ़कर 40 साल होने वाली है। इस हिसाब से दुनियाभर में बड़ा बदलाव शुरू हो चुका है। जो इंसानों की अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है। 

बेहद अहम होगा 2026
फिलहाल दुनियाभर का टीएफआर 2.1 है। 2026 में यह घटकर 2.0 हो जाएगा। वहीं 2081 में यह 1.4 हो सकता है। इस हिसाब से देखें तो अगले 300 सालों में दुनियाभर की आबादी सिर्फ 2 अरब रह जाएगी। 2026 एक लैंडमार्क इयर की तरह है। कई बड़े देश पहले से ही रिप्लेसमेंट लेवल से नीचे हैं। 5करोड़ की जनसंख्या से ज्यादा वाले 29 देशों में टीएफआर 2.1 से नीचे आ गया है। भारत, चीन, अमेरिका और इंडिया को जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा आंका जाता है। इनमें रिप्लेसमेंट लेवल 2.1 से कम है। बांग्लादेश और विएतनाम के टीएफआर 1.7, फ्रांस का 1.5, कोलंबिया, ईरान, यूएस और  ब्राजील का 1.4, इटली का 1.0 है।