तेहरान
यमन के हूती विद्रोहियों ने भारत आ रहे जापानी जहाज गैलक्सी लीडर का लाल सागर से अपहरण कर लिया है। इस जहाज का आंशिक मालिकाना हक इजरायल के एक अरबपति के पास है। जापान समेत दुनियाभर से इस जहाज को छोड़ने की गुहार लगाई गई है लेकिन अभी तक हूतियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। उल्टे हूतियों ने धमकी दी है कि इजरायल के या उससे जुड़े किसी भी जहाज को लाल सागर में इसी तरह कार्रवाई का सामना करना होगा। हूतियों ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उसके विद्रोही कमांडो हेलिकॉप्टर से जहाज पर उतरते हैं और हथियारों के बल पर पूरे जहाज को अपने काबू में कर लेते हैं। अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान की कुद्स फोर्स ने हूतियों की इस अपहरण में मदद की थी।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट मुताबिक ईरानी सेना के जहाज ने इस अपहरण अभियान को चलाने में मदद की थी। इस पूरे अपहरण अभियान का नेतृत्व ईरानी सेना की कुद्स फोर्स के कमांडर ने किया था। गैलक्सी लीडर जहाज के मालिक इजरायली अरबपति अब्राहम रमी उंगर हैं लेकिन उसका संचालन जापानी कंपनी एनवाईके लाइन करती है। इस जहाज का सोमवार को हूती विद्रोहियों ने अपहरण कर लिया था। जापान अब इस जहाज को छुड़ाने के लिए सीधे हूतियों से बातचीत कर रहा है।
अमेरिका ने ईरानी कमांडर पर रखा है भारी ईनाम
रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के जासूसी जहाज बेहशाद के बारे में कहा जा रहा है कि उसी ने हूतियों को गैलक्सी लीडर जहाज की सटीक लोकेशन शेयर की। यह जासूसी जहाज बेहशाद ईरानी सेना से जुड़ा हुआ है। गैलक्सी लीडर जहाज ने अपने एआईएस ट्रांसपांडर को बंद कर दिया था जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि कैसे विद्रोहियों के पास इसका सटीक लोकेशन पहुंचा। ईरान ने एक कार्गो शिप को बदलकर उसे यह जासूसी जहाज बनाया है। यह जहाज साल 2021 से ही लाल सागर में तैनात है। इससे उसका ईरानी सेना के साथ कनेक्शन और ज्यादा गहरा हो गया है।
इंटेलीटाइम्स के वरिष्ठ विश्लेषक रोनेन सोलोमोन ने कहा कि साक्ष्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ईरानी सेना की कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्दुलरेजा शहलेई ने इस पूरे अपहरण कांड की साजिश रची। अमेरिका सरकार ने जनरल अब्दुलरेजा शहलेई पर 15 मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है। अमेरिका का कहना है कि कुद्स फोर्स के इस कमांडर ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ हमले करवाए हैं।
यमन में खड़े इस जहाज गैलक्सी लीडर पर विभिन्न देशों के 25 लोग बंधक हैं। ईरान साल 2018 से ही जहाजों पर हमले इतिहास रहा है। माना यह भी जा रहा है कि हूतियों को उम्मीद थी कि उन्हें इस जहाज पर इजरायली चालक दल के सदस्य मिलेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हूती विद्रोही इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से कई हमले कर चुके हैं जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया है।