गुरुग्राम / गाजियाबाद
आज शहर के लगभग हर हिस्से में शादी की शहनाइयां गूजेंगी। देवउठनी एकादशी पर गुरुग्राम में 300 से अधिक शादियां होंगी। कई महीनों पहले से ही इस दिन के लिए गेस्ट हाउस, मैरिज लान, होटल, रेस्टोरेंट, फार्म हाउस फुल चल रहे हैं।
देवोत्थान एकादशी का त्योहार बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा। देव जागने के साथ इस दिन अनबूझ साया होने की वजह से शहर में बड़ी संख्या में शादी होंगी। जिसके लिए शहर भर के लगभग सभी बैक्वट हाल पहले से ही बुक हो गए हैं।
कब कत है वैवाहिक मुहूर्त?
एक दिन पहले बुधवार देर रात तक शहर के बाजारों में खरीदारों की भीड़ रही। वहीं शादियों को देखते हुए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। इस बार 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक विवाह के लिए केवल 13 मुहूर्त हैं। वहीं देवउठनी एकादशी को सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता है।
चार मरला स्थित शिव मंदिर के पंडित राम भरोसे शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा होती है। उनका कहना है कि हिंदू शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है।
होटल कारोबार से जुड़े व्यावसायियों व पंडितों की मानें तो गुरुग्राम में गुरुवार को तीन सौ से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। ऐसे में विवाह-शादियों के लिए होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, मैरिज लान में इस दिन बुकिंग फुल हो गई है।
पार्लर, बैंड, घोड़ी वालों के भी रेट बढ़े
वहीं आगामी दिनों में भी कम मुहूर्त होने के कारण अधिकांश स्थानों पर मैरिज गार्डन, होटल में लोगों को मनचाही तारीख की बुकिंग नहीं मिल रही है। पंडितों के पास भी मुहूर्त की सभी तारीखें बुक हो चुकी हैं। शहर में 300 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट व बैंक्वेट हाल हैं।
शादियों को लेकर सभी में पहले से ही बुकिंग फुल है। पार्लर, बैंड, घोड़ी वालों के भी रेट बढ़ गए हैं। बैंड 50 हजार से डेढ़ लाख तक में बुक हुए हैं। कालड़ा टेंट हाउस के संचालक रमेश कालड़ा का कहना है कि शहर का एक भी बैंक्वेट हाल व गार्डन नहीं है, जिसमें शादी न हो। देवउठनी पर शादियों की धूम रहती है।
कब से शुरू होगा मलमास?
शहर के सभी बैक्वट हाल, सामुदायिक भवन, पार्क आदि जगहों पर करीब 600 शादी होंगी। इस साल 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक करीब 10 वैवाहिक मुहूर्त होंगे। इसके बाद मलमास शुरू हो जाएगा। देवोत्थान एकादशी को भक्त तुलसी विवाह का भी आयोजन करते हैं। कुछ लोग इसी अवसर पर अपने एकादशी व्रत का उद्यापन भी करके अपने व्रत का समापन कर देते हैं।
कब तक है वैवाहिक मुहूर्त?
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 22 नवंबर को चातुर्मास समाप्त हो रहा है। 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी को अनबूझ साया होगा। देवोत्थान एकादशी पर ऐसा माना जाता है कि जिनकी शादियां अन्य किसी महीने में अथवा तिथि में नहीं सूझ रही हैं तो इस दिन किसी विद्वान से परामर्श किए बिना भी बिना वैवाहिक मुहूर्त निकलवाए विवाह कर सकते हैं। 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक 10 वैवाहिक मुहूर्त हैं।
ये हैं 10 वैवाहिक मुहूर्त
इस साल 23, 24, 27, 28, 29 नवंबर और तीन, चार, सात, आठ, व नौ दिसंबर को दिसंबर को वैवाहिक मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 दिसंबर से मलमास अथवा खर मास आरंभ हो जाएगा। इसके बाद जब सूर्य दोबारा 14 जनवरी को मकर संक्रांति में आएंगे तो वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, गृहारंभ मुहूर्त आदि होंगे।
सड़कों पर निकलेगी बारात, शहर में आज लग सकता है जाम
देवोत्थान एकादशी के अवसर पर बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में शादियां होंगी। सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात निकलने से जाम के हालात बन सकते हैं।
इससे निपटने के लिए यातायात पुलिस की ओर से यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। 10 बाइक पीआरवी अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात हैं, जिस पर तैनात पुलिसकर्मी जाम की सूचना पर मौके पर यातायात व्यवस्था को सुचारू करने का कार्य करेंगी।