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राजस्थान BJP के अध्यक्ष का दावा- पार्टी में चेहरे पर मतभेद नहीं

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चित्तौड़गढ़.

राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि चुनावों में भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। रिवाज कायम रहेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गारंटियां चुनावी हैं। हमारी घोषणाएं कभी चुनावी नहीं होती। कांग्रेस जिन वादों के आधार पर चुनाव जीतकर सत्ता में आई थी, उसने वह पूरे नहीं किए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी से विशेष बातचीत की।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा है कि राजस्थान में रिवाज बदलेगा। आपका क्या कहना है? क्या रिवाज कायम रहेगा या सत्ता परिवर्तन होगा?
सीपी जोशीः
कांग्रेस जाएगी और भाजपा आएगी। यह राजस्थान की जनता ने तय कर लिया है। जिन वादों के आधार पर कांग्रेस 2018 में जीतकर आई, जनता उस पर टिकटिकी लगाए बैठी थी। क्या किसानों का कर्ज माफ किया? क्या बेरोजगारी भत्ता दिया क्या? क्या महंगाई रोकी? क्या महिलाओं पर अत्याचार रोके? कांग्रेस ने कहा था कि पांच साल बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे, क्या यह हुआ? राजस्थान की जनता ने देखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांच साल सिर्फ कुर्सी बचाते और भ्रष्टाचार करते नजर आए। भ्रष्टाचार का ऐसा तांडव राजस्थान की जनता ने कभी नहीं देखा। इसके लिए जनता ही नहीं, भाजपा ने भी आंदोलन किए। इनके कुनबे के लोग खुलकर कह रहे हैं कि पचास टका दिए बिना कोई काम नहीं होता। कितने ही विधायकों और मंत्रियों ने खुलकर यह कहा है। पेपर लीक के पाप में इनकी पार्टी के लोग शामिल रहे। स्पष्ट है कि पेपर लीक में आरपीसी का मेंबर हो, डॉ. जारोली हो, सुरेश ढाका को किसने बचाया, सलमान खुर्शीद को वकील किसने बनाया? गोपाल केसावद पैसे लेते पकड़ा गया। जिस अधिकारी ने उस पर भ्रष्टाचार की धारा लगाई, उसे हटाने का पाप इस सरकार ने किया है।

भाजपा सत्ता में आएगी तो इसकी वजह कांग्रेस सरकार की नाकामी होगी या पार्टी की गारंटियां?
सीपी जोशीः
गारंटी हम चुनाव में आने के लिए नहीं दे रहे। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर गरीब का घर बनेगा। आजादी के बाद से 60 वर्षों में जितने मकान नहीं बने, उतने पिछले साढ़े नौ वर्ष में बने हैं। 60 साल में जितने गैस कनेक्शन नहीं दिए गए, जितने शौचालय नहीं बने थे, जितने लोगों के खाते नहीं खुले थे, उतने पिछले साढ़े नौ वर्ष में काम हुआ है। गहलोत ने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ होगा। नहीं किया। मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना किया। किसान सम्मान निधि का पैसा दिया। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, बूंद-बूंद सिंचाई योजना लाए। नैनो यूरिया लाए। नीम कोटेड यूरिया लाए। किसान कल्याण के लिए कई काम किए।

कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा किया है। कांग्रेस ने इस पर अन्य राज्यों में चुनाव जीते हैं। अब गहलोत कह रहे हैं कि यदि भाजपा आई तो ओपीएस का लाभ चला जाएगा।
सीपी जोशीः
कांग्रेस के वादे चुनावी है। चुनाव के बाद क्या होगा? कर्नाटक में बिजली के हालात क्या है? वहां ओपीएस के क्या हाल है? कांग्रेस प्रदेश औऱ देश में 60 साल से थी, वह तो उज्जवला लेकर नहीं आए, हम लाए। उसके बाद आप कह रहे हो कि पांच सौ रुपये में सिलेंडर दोगे। उसमें भी मोदी सरकार 300 रुपये दे रही है। आप चुनाव के अंतिम छह महीने में एक-दो सिलेंडर देकर कह रहे हैं कि हमने आपका कल्याण कर दिया। अच्छा होता कि यह काम 2018 में शुरू करते। कोरोना के संकट में जब गरीब के घर में चूल्हा जलने का संकट था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री अन्न धन योजना के तहत गरीबों को अनाज दिया। आज भी भेज रहे हैं। पांच साल और देंगे। चुनावी समय में वादे कर रहे हैं, और उसमें भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
अशोक गहलोत के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा क्यों है? वसुंधरा राजे या कोई और चेहरा क्यों नहीं है भाजपा का?
सीपी जोशीः मैं सोचता हूं कि यह प्रश्न नहीं होना चाहिए। संसदीय बोर्ड में दो-तीन साल पहले ही फैसला हो गया था कि किसी भी राज्य में भाजपा किसी चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी। क्या कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल में किसी को चेहरा बनाया? भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र है। पार्टी के विधायक और संसदीय बोर्ड जो निर्णय करेगा, वह सर्वोपरि होगा।

भाजपा अक्सर गहलोत-सचिन पायलट की दूरियों की बात करती है। वसुंधरा राजे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर भी अब चर्चा हो रही है।
सीपी जोशीः
कौन कहता है दूरियां हैं? दूरियां होती तो क्या वह भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होती? वह लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पार्टी के सभी कार्यक्रमों में शिरकत कर रही हैं। पार्टी के आंदोलन में शामिल रही हैं। यही टीम राजस्थान है। कांग्रेस में तो क्या है कि-'मैं ही योग्य हूं। बाकी सब नालायक हैं, गद्दार हैं।' यदि आप योग्य हैं तो कांग्रेस पार्टी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री का चेहरा क्यों बना रही है? इसकी घोषणा क्यों नहीं की जा रही है।
कई बागी चुनाव में खड़े हैं। टिकट वितरण पर सवाल उठ रहे हैं। यह कितनी बड़ी चुनौती है?
सीपी जोशीः कोई भी चुनाव हो, बागी या निर्दलीय खड़े होते रहे हैं। जनता भाजपा के लिए कमल के निशान को चुनती है। पार्टी ने कई जगह प्रयास किए और लोग समर्थन में आए हैं। लोगों के दिमाग में कमल का निशान स्पष्ट है। मैं नंबर में नहीं पड़ता, लेकिन राजस्थान में भाजपा को ऐतिहासिक बहुमत मिलेगा।

सत्ता में आने के बाद पहली बात जो आप इस सरकार की बदलेंगे?
सीपी जोशीः महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण। जिस प्रकार से एक समुदाय विशेष के त्योहार धूमधाम से मनाने की अनुमति है, वहीं हिंदू धर्म के त्योहार पर न तो डीजे बजा सकते हैं। न पताका लगा सकते हैं। न ही भगवान श्री राम के नारे लगा सकते हैं। ऐसा नहीं चलेगा।

कन्हैयालाल की हत्या को प्रमुख मुद्दा बनाया है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार की एनआईए जांच आगे नहीं बढ़ा रही है।
सीपी जोशीः
जिस व्यक्ति को धमकी मिली, उसने पुलिस को रिपोर्ट दी। सुरक्षा मांगी गई। सुरक्षा देने के बजाय समझौता करवाया गया। बोला गया कि दुकान खोल लें। जैसे ही दुकान खोली, उसकी हत्या हो गई। परिवार के लोगों ने सुरक्षा मांगी। राजसमंद के दो युवाओं ने आतंकियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। पिछले दो साल से वह दोनों सुरक्षा की गुहार कर रहे हैं। वह मंत्री और अधिकारियों के पास गए तो उनसे कहा गया कि आपने ऐसे दुर्दांत अपराधियों को क्यों पकड़ा? आपको किसने कहा था इन्हें पकड़ने को? क्या यह जवाब होता है। जब एक दलित का बेटा मरता है तो उसे दो लाख मिलते हैं। जयपुर में एक व्यक्ति मरता है तो उसे पचास लाख मिलते हैं। यह तुष्टिकरण नहीं तो क्या है? आप पीएफआई की रैली को अनुमति देते हैं और रामनवमी के जुलूस पर प्रतिबंध लगाते हो। उदयपुर में भगवा पताका लगाने पर सरकारी आदेश से प्रतिबंध लगाते हो। करौली में भगवान श्रीराम का नारा लगाने वालों पर एफआईआर करते हैं। एक त्योहार पर बिजली मिल रही है, दूसरों को नहीं। जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों को निचली अदालत से फांसी की सजा हुई। आपका एएजी प्रस्तुत नहीं हुआ। राजस्थान की नकारा सरकार ने एक भी वकील सुप्रीम कोर्ट में खड़ा नहीं किया। राम दरबार को भी आपने तोड़ा, शिव मंदिर को भी तोड़ा है, भगवान कृष्ण की क्रीडास्थली को माइनिंग माफिया ने खोद डाला। इसे रोकने के लिए संतों को आत्महत्या करनी पड़ी।

जातियों के आधार पर बंटे राजस्थान में क्या ध्रुवीकरण के लिए भाजपा ने संतों को चुनाव मैदान में उतारा है?
सीपी जोशीः
धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन धर्म में राजनीति बेहद आवश्यक है। संत आते हैं तो निश्चित तौर पर अच्छा संदेश जाता है। लोकसभा में भी कई संत हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसमें बुरा क्या है? राजस्थान में दो दर्जन संतों और पुजारियों की हत्या हुई है। उनकी सुरक्षा भी सरकार नहीं कर सकी है।

सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, राजस्थान में पानी की समस्या बहुत बड़ी है। यह कैसे हल होगा?
सीपी जोशीः
भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की गई थी। उसे गहलोत सरकार ने बंद कर दिया। केंद्र सरकार से बड़ा बजट आता था। उसमें गांव का पानी गांव में, खेत का पानी खेत में रखने की कोशिश होती थी। बड़े टैंक बनाए गए। इसका फायदा यह हुआ कि जल स्तर बढ़ा। गरीब के घर तक पानी पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने पैसा दिया। जब दिल-दिमाग में भ्रष्टाचार होगा तो कोई भी योजना घर-घर तक नहीं जा सकती। क्या हमारे यहां संसाधनों की कमी है? इच्छाशक्ति की कमी है। कोई इमानदारी से काम करें तो संसाधन इतने हैं कि जनता तक पानी पहुंच सकता है। पानी को रोक सकते हैं। जलस्तर बढ़ाने के प्रयास कर सकते हैं। देश में राजस्थान अग्रणी राज्य बन सकता है।