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राजस्थान विधानसभा चुनाव में चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला

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राजस्थान विधानसभा चुनाव में चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला

 विधानसभा चुनाव में चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला

जयपुर

राजस्थान में राज्य की दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में से 199 सीटों पर 25 नवंबर होने वाले विधानसभा आम चुनाव में डेढ़ सौ से अधिक सीटों पर सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार नजर आने लगे हैं वहीं दोनों पार्टियों में बागी उम्मीदवार एवं अन्य दल के प्रत्याशियों की वजह से चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय एवं कुछ स्थानों पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने के आसार है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जोधपुर के सरदारपुरा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेन्द्र सिंह राठौड़ से सीधा मुकाबला हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का झालरापाटन सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राम लाल चौहान, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी जोशी का नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र मं1 भाजपा उम्मीदवार विश्वराज सिंह मेवाड़, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ का चुरु जिले में तारानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नरेन्द्र बुढ़ानिया, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का टोंक सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का चुनाव पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया से सीधा मुकाबला माना जा रहा है।

इसी तरह गहलोत सरकार के कई मंत्री जिनमें कोटा उत्तर से शांति धारीवाल, बीकानेर पश्चिम से बी डी कल्ला, लालसोट से परसादी लाल मीणा, सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कई मंत्रियों का भाजपा प्रत्याशियों से सीधा चुनावी मुकाबला हैं। इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का जयपुर के झोंटवाड़ा, सांसद दिया कुमारी का विद्याधरनगर, डॉ. किरोडी लाल मीणा का सवाईमाधोपुर एवं महंत बालकनाथ का तिजारा में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। इसके अलावा कांग्रेस एवं भाजपा के दर्जनों विधायकों एवं पूर्व विधायकों सहित कई नेताओं के बीच सीधा चुनावी मुकाबला माना जा रहा है।

इस बार चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ही दलों में दर्जनों की संख्या में बागी उम्मीदवार सामने आये जिनमें दोनों ही दलों ने कई प्रत्याशियों के मनाने में सफल भी रहे और कई बागियों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया गया लेकिन उसके बावजूद भी कई बागी चुनाव मैदान में डटे रहने के कारण पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए समस्या बने हुए हैं और प्रदेश की चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं।

इनमें गहलोत सरकार के मंत्री सुभाष गर्ग भरतपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी विजय बंसल एवं अन्य प्रत्याशी गिरीश चौधरी के साथ त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे हुए हैं। इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में सबसे हॉट सीट बनी चित्तौड़गढ़ में मौजूद भाजपा विधायक चन्द्र भान सिंह आक्या पूर्व मंती एवं भाजपा उम्मीदवार नरपत सिंह राजवी एवं कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत के लिए मुश्किल बने हुए हैं। आक्या का टिकट कटने के बाद वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी भी सांसद चित्तौड़गढ से ही हैं और चित्तौड़गढ़ उनका गृह जिला होने के बावजूद आक्या के समर्थन में जनसैलाब उमड़ने से सबकी नजर चित्तौड़गढ पर टिकी हुई हैं।

इसी तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत श्रीमाधोपुर में भाजपा प्रत्याशी के अलावा कांग्रेस बागी बलराम यादव के चुनाव मैदान में होने से त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। इसी तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का भी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में भाजपा प्रत्याशी लाला राम बैरवा एवं कांग्रेस उम्मीदवार नरेन्द्र कुमार रेगर के साथ त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले होने के आसार है। सांसद भागीरथ चौधरी अजमेर की किशनगढ़ सीट पर भाजपा से कांग्रेस में आये विकास चौधरी एवं नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक सुरेश टाक के बीच फंसते नजर आ रहे हैं। हालांकि हाल में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनाव सभा के बाद भागीरथ चौधरी में उत्साह नजर आने लगा हैं।

इनके आलवा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल भी खींवसर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी तेजपाल मिर्धा, भाजपा के रेवंतराम डांगा के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे नजर आ रहे हैं। खींवसर में अगर बसपा उम्मीदवार नेमाराम ने जोर मारा तो आखिर में वहां मुकाबला चतुष्कोणीय भी पहुंच सकता है। इसी तरह भोपालगढ़ में रालोपा के विधायक पुखराज गर्ग भी भाजपा की कमसा मेघवाल, कांग्रेस की गीता बरवड़ के साथ त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होने के आसार है। चौरासी सीट पर भी विधायक राजकुमार रोत भाजपा एवं कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हैं।

इसी प्रकार नागौर जिले में दशकों तक राजनीति में अपना प्रभुत्व रखने वाले मिर्धा परिवार भी इस बार नागौर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा हैं जहां चुनाव पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई पूर्व केन्द्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की पोती एवं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के पुत्र एवं पूर्व मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार हरेन्द्र मिर्धा निर्दलीय प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा होने के बाद ज्योति मिर्धा का पलड़ा भारी माना जा रहा हैं।

इसके अलावा प्रदेश में नवलगढ़ में पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा कांग्रेस से, लूणकरणसर में पूर्व गृहराज्य मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हुए नजर आ रहे हैं। इसी तरह डूंगरगढ, श्रीगंगानगर, सादुलशहर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, हनुमानगढ़, सीकर, वल्लभनगर, जैतारण, धौलपुर, बाडी, बयाना एवं अलवर जिले में भी दो तीन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इसी तरह अजमेर उत्तर, पुष्कर, डूंगरपुर, चौरासी, सांगवाड़ा, धरियावद, बस्सी, मनोहरथाना, देवली उनियारा सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होने के आसार है।

इनके आलवा कुछ स्थानों पर चतुष्कोणीय मुकाबले की स्थिति भी बनी हुई नजर आ रही हैं जिनमें सांचौर विधानसभा सीट पर राज्य के मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम विश्नोई, भाजपा उम्मीदवार एवं सांसद देवजी पटेल बागी उम्मीदवार जीवराम चौधरी एवं शमशेर अली सैयद के निर्दलीय चुनाव लड़ने से चतुष्कोणीय मुकाबले में फंसे नजर आ रहे हैं।

राजस्थान में लाल डायरी का मुद्दा लाकर प्रदेश की राजनीति में तहलका मचाने वाले पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाटी सीट पर शिवसेना प्रत्याशी के रुप में भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी, कांग्रेस के भगवानाराम सैनी एवं बहुजन समाज पार्टी के संदीप सैनी के साथ चतुष्कोणीय मुकाबले का सामना करते नजर आ रहे हैं।

इसी तरह डीडवाना सीट पर कांग्रेस विधायक चेतन सिंह डूडी, भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह जोधा, पूर्व मंत्री यूनुस खान के निर्दलीय एवं आम आदमी पार्टी से रामनिवास रायल के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला बनता जा रहा है। इसी तरह बाड़मेर जिले में शिव विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग नेता अमीन खान भाजपा प्रत्याशी स्वरुप सिंह एवं बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी एवं फतेह खान साथ चतुष्कोणीय मुकाबले में चुनावी संघर्ष करते नजर आ रहे हैं।

उदयपुर जिले में होम वोटिंग के तहत 3737 ने किया मतदान

उदयपुर

राजस्थान विधानसभा आम चुनाव 2023 के तहत होम वोटिंग के तहत उदयपुर जिले में अब तक 3737 चिन्हित वरिष्ठजन और दिव्यांगजन अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके हैं।

होम वोटिंग प्रकोष्ठ प्रभारी कुशल कोठारी ने बताया कि होम वोटिंग के द्वितीय चरण के तहत सोमवार को मतदान दलों ने प्रथम चरण में घर से अनुपस्थित मिले मतदाताओं के घरों पर दोबारा दस्तक दी। इस दौरान 80 वर्ष से अधिक आयु के 50 वरिष्ठ नागरिक तथा 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले 9 दिव्यांगजनों ने घर बैठे अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग मतदाताओं के मतदान के लिए मतदान दलों के दो बार जाने का प्रावधान है।

उदयपुर जिले में अब तक 28 वरिष्ठ नागरिक और एक दिव्यांगजन मतदाता ऐसे चिन्हित हुए, जो मतदान दलों के दो-दो बार घर आने पर भी अनुपस्थित मिले। अब यह मतदाता बूथ पर जाकर भी वोटिंग नहीं कर पाएंगे। वहीं जिले में अब मात्र 19 मतदाता ऐसे शेष हैं, जिनके घर पर टीम दूसरे चरण में मंगलवार को पहुंचेगी और मतदान के लिए उनके पास यह अंतिम अवसर होगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार अनिवार्य सेवा से जुड़े कार्मिकों के लिए रिटर्निंग अधिकारी मुख्यालय पर स्थापित किए गए बूथों पर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई है। पहले दिन जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 45 कार्मिकों ने पोस्टल बैलेट से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उल्लेखनीय है कि जिले में अनिवार्य सेवाओं से जुड़े 258 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए आवेदन किया है।