जयपुर.
कभी जनसंघ के गढ़ रहे हाड़ौती के सियासी किले पर एक दशक से भाजपा का भगवा झंडा लहरा रहा है। पिछली बार 2018 में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद हाड़ौती की 17 में से 10 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार जीते थे, जबकि कांग्रेस महज सात सीटों पर सिमट गई थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां की लगभग सभी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है।
कांग्रेस कोटा के रिवर फ्रंट, शहर में कराए गए विकास कार्यों के दम पर पूरे इलाके में चुनावी ताल ठोक रही है। इसके उलट, भाजपा कांग्रेस राज में हुए भ्रष्टाचार और मंत्रियों के विवादित बयानों को चुनावी मुद्दा बनाकर अपने किले की दीवारों को और मजबूत बनाने में जुटी है। यह क्षेत्र पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का सियासी गढ़ है। राजे झालावाड़ के झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जबकि सीएम अशोक गहलोत के सबसे करीबी मंत्री शांति धारीवाल कोटा उत्तर से आते हैं। धारीवाल इस इलाके से कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेता हैं।
कोचिंग हब के लिए जाना जाता है कोटा
हाड़ौती का सबसे प्रमुख शहर कोटा है, जो कोचिंग हब के रूप में देश में विख्यात है। लाखों की संख्या में बिहार, यूपी, हरियाणा सहित देश के अलग-अलग राज्यों के बच्चे यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए हर साल आते हैं। कांग्रेस का दावा है कि इस शहर के विकास के लिए पिछले पांच साल में चार हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम खर्च की जा चुकी है, जिसका सीधे तौर पर चुनावी माहौल पर असर पड़ेगा।
तीन मंत्री पांच साल रहे विवादों में, जीतने के लिए गहलोत की गारंटी का भरोसा
प्रदेश में 2018 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने कोटा से शांति धारीवाल, बांरा से प्रमोद जैन भाया और बंदी से अशोक चांदना को मंत्री बनाया था। इसमें धारीवाल और भाया कैबिनेट मंत्री थे, जबकि चांदना खेल राज्य मंत्री बनाए गए थे। ये तीनों पांच साल तक किसी न किसी कारण से विवादों और चर्चाओं में रहे। शांति धारीवाल के नेतृत्व में पिछले साल विधायकों ने बगावत कर दी थी, जिसकी वजह से शांति धारीवाल के टिकट पर अंतिम समय तक सस्पेंस बना रहा। दुष्कर्म की घटनाओं पर विधानसभा में धारीवाल का बयान आज भी चर्चा में है। प्रमोद जैन भाया खान विभाग को लेकर विवादों में रहे। कांग्रेस के ही विधायक भरत सिंह ने भाया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। भाया के सामने भाजपा के कंवर लाल मीणा मैदान में हैं। हिंडौली से विधायक अशोक चांदना अपनी भाषा शैली को लेकर विवादों में रहे। मंत्री बनने के बाद इंजीनियर से मारपीट से इनका नाम विवाद में आया। सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के लिए सोशल मीडिया पर तल्ख टिप्पणी की थी। चांदना के सामने भाजपा ने पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दिया है। विवादों के चलते तीनों को सीएम अशोक गहलोत की गारंटी पर भरोसा है।
किसान फैक्टर
राजस्थान में हाड़ौती इलाका खेती और किसानी के लिए भी जाना जाता है। यहां धान की फसल की पैदावार सबसे अधिक होती है। ईरान में बूंदी के धान की सबसे अधिक मांग है। बूंदी जिले को धान का कटोरा भी कहा जाता है। इसके अलावा लहसुन, धनिया सहित अन्य फसल का भी उत्पादन होता है। हाड़ौती किसान कर्जमाफी का मामला भी चर्चा में रहता है। भाजपा किसानों की जमीन को कुर्क करने को चुनावी मुददा बना रही है, जबकि पिछली बार कांग्रेस ने किसानों की खुदकुशी के मामले को जोर-शोर से उठाया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ाे यात्रा की राजस्थान में एंट्री इसी इलाके से हुई थी।