भोपाल
यूजी थर्ड ईयर के सिलेबस के साथ परीक्षा पद्धति में भी बदलाव किया जाएगा। विद्यार्थियों को फर्स्ट ईयर व सेकंड ईयर की अपेक्षा तीन एक्सट्रा पेपर हल करना होंगे। बीयू अप्रैल में परीक्षा कराने की तैयारी की कर रहा है। परीक्षा में दो माह लगते थे, लेकिन अब परीक्षा करीब ढाई माह चलेंगी।
नए पैटर्न की नहीं दी ट्रेनिंग
परीक्षा पैटर्न कैसा रहेगा, विद्यार्थी को इसकीं ट्रेनिंग नहीं दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद सबसे पहले फर्स्ट ईयर के परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया था। तब भी ट्रेनिंग न देने के कारण आधे से ज्यदा विद्यार्थी फेल हो गए थे। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एनईपी लागू होने पर मेजर और माइनर इलेक्टिव सब्जेक्ट का कांसेप्ट आया है। फर्स्ट और सेकंड ईयर में मेजर विषय का एक पेपर होता था। वहीं मेजर के सेकंड पेपर को ही माइनर, ओपन इक्टिव विषय के तौर पर पढ़ाते थे। फर्स्ट और सेकंड की अपेक्षा थर्ड ईयर में छात्रों के पास विषय चुनने के आॅप्शन ज्यादा हैं। मेजर सब्जेक्ट के लिए दो ग्रुप हैं। माइनर और ओपन इलेक्टिव के लिए भी अलग से पेपर डिजाइन कराए गए हैं।
हर विषय में पांच पेपर
थर्ड ईयर में पहुंचे स्टूडेंट्स के पास मेजर सब्जेक्ट के तौर पर दो आप्शन दिए जा रहे हैं। इसके लिए हर एक मेजर सब्जेक्ट के लिए दो ग्रुप में सिलेबस डिजाइन किए गए हैं। ऐसे में थर्ड ईयर में हर एक विषय के पांच पेपर डिजाइन किए हैं। फर्स्ट ईयर व सेकंड ईयर की अपेक्षा तीन एक्सट्रा पेपर यूजी स्तर पर पढ़ाए जाएंगे।
विद्यार्थियों का लाभ होगा
नई शिक्षा नीति के तहत विवि परीक्षाओं की तैयारियों करा रहा है। इससे विद्यार्थियों को लाभ होगा।
डॉ. सुरेश जैन, कुलपति, बीयू