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पश्चिमी देशों के नेताओं से भी होगा सामना, भारत नहीं आए थे, लेकिन वर्चुअल जी-20 समिट में पुतिन लेंगे हिस्सा

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मॉस्को
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सितंबर महीने में नई दिल्ली में हुए जी-20 समिट में हिस्सा नहीं लिया था। इस पर काफी सवाल उठे थे कि भारत जैसे करीबी दोस्त द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में भी आखिर पुतिन शामिल क्यों नहीं हुए। इसके कुछ दिनों बाद वे चीन पहुंचे थे, जोकि रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी। अब अगले हफ्ते भारत के नेतृत्व में ही होने वाले जी-20 वर्चुअल समिट में पुतिन हिस्सा लेंगे।  

रूसी सरकार के सरकारी मीडिया के टीवी प्रेजेंटर पावेल जारुबिन ने अपने टेलिग्राम चैनल पर कहा कि काफी समय के बाद यह पहला इवेंट होगा, जहां पुतिन और पश्चिमी देशों के नेता मौजूद रहेंगे।  मालूम हो कि पिछले साल रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने की वजह से पुतिन और पश्चिमी देशों के बीच रिश्ते काफी खराब हो गए हैं। इस तल्खी के बीच पुतिन और पश्चिमी देश आमने-सामने होंगे।

10 सितंबर को नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत जी20 अध्यक्षता के समापन से पहले एक वर्चुअल तरीके से जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक वर्चुअल तरीके से G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 22 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।

अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष सहित सभी जी-20 सदस्यों के नेताओं, साथ ही नौ अतिथि देशों और 11 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन में जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा को सर्वसम्मति से अपनाया गया था। वर्चुअल शिखर सम्मेलन नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के प्रमुख परिणामों/कार्रवाई बिंदुओं को आगे बढ़ाएगा और साथ ही तब से हुए विकास की समीक्षा भी करेगा। 17 नवंबर को आयोजित दूसरे वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के विचार-विमर्श भी चर्चा में शामिल होंगे।भारत के पास 30 नवंबर तक जी-20 की अध्यक्षता है। 2024 में ब्राजीलियाई G20 की अध्यक्षता के दौरान G20 ट्रोइका में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल होंगे।