भोपाल.
प्रदेश के करीब 416 सरकारी स्कूलों को प्रथम चरण में पीएमश्री योजना के तहत सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा। हर विकासखंड से दो स्कूल चयनित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें एक विकासखंड में एक प्रायमरी-मिडिल स्कूल और एक स्कूल हाई या हायर सेकेंडरी शामिल है। मप्र के 322 विकासखंड में दो-दो स्कूलों का पीएमश्री योजना से कायाकल्प किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण के लिए 133 स्कूलों का प्रस्ताव भेजा गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग को पीएमश्री योजना की कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के लिए दिसंबर में भारत सरकार को कार्ययोजना प्रस्तुत करनी है। इसे देखते हुए विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि पिछले पांच सालों में स्कूलों के निर्माण कार्य को दिसंबर तक पूर्ण कर फोटो उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। वार्षिक कार्ययोजना में जीर्ण-शीर्ण शाला भवन के स्थान पर नवीन भवन, शौचालय, अतिरिक्त कक्ष, सोलर पैनल सहित अन्य सुविधाओं को जल्द पूरा कर फोटो उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें, कि पीएमश्री योजना के तहत प्रदेश के करीब 600 स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं दी जाएगी। इसके लिए 219 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसकी राशि सीधे स्कूल के बैंक खाते में भेजी जाएगी। जिससे प्राचार्य व स्कूल समिति मिलकर खर्च करेगी। राजधानी का महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उमावि बरखेड़ा को पीएमश्री योजना के तहत चयनित किया गया है। इस स्कूल को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है।
स्कूलों का होगा अपग्रेडेशन
इस योजना के माध्यम से पुराने स्कूलों का अपग्रेडेशन होगा। इन पुराने स्कूलों को अपग्रेड करते समय आधुनिक सुंदर ढांचें, स्मार्ट कक्षाओं, खेल सहित अन्य आधुनिक बुनियादी सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह सभी स्कूल केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्थापित किए जाएंगे। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पीएमश्री योजना के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के 416 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इसके लिए 219 करोड़ रु पये का बजट स्वीकृत किया गया है। अभी 133 स्कूलों का प्रस्ताव दूसरे चरण के लिए भेजा गया है। इसकी वार्षिक कार्ययोजना तैयार किया जा रहा है।
यह होगा स्कूलों में खास
पीएमश्री योजना के तहत अपडेट किए गए पीएमश्री स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट शिक्षा और आधुनिक ढांचा होगा।
पीएमश्री स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों की झलक होगी।
यह स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों का भी मार्गदर्शन करेंगे।
अत्याधुनिक लैब स्थापित की जाएंगी। जिससे विद्यार्थी किताबों के अलावा प्रैक्टिकल से भी सीख सकें।
प्री प्रायमरी एवं प्रायमरी के बच्चों के लिए खेल पर फोकस किया जाएगा, जिससे उनका शारीरिक विकास हो सके।