भोपाल
मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य दलों के उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत हार के गुणाभाग लगाने में जुटे हुए हैं। प्रदेश स्तर पर यह गुणाभाग दोनों ही दलों के दिग्गज लगा रहे हैं, लेकिन वे अपने संगठन और समर्थकों के फीडबैंक के अलावा सर्वे और मतदान फीसदी का आंकलन करने में जुटे हुए हैं। वहीं सट्टा बाजार भी अपने गुणाभाग चुनाव में हार-जीत को लगा रहा है। जिस पर कई लोगों की नजर हैं।
विधानसभा चुनाव छिटपुट हिंसा के बाद भले ही शांतिपूर्ण संपन्न हो गया हो। लेकिन वर्ष 2018 के मुकाबले इस बार 75 फीसदी से ज्यादा हुए मतदान को लेकर बीजेपी जहां अपनी जीत का दावा का रही है तो वहीं कांग्रेस सर्वे और बढ़े मतदान फीसदी को लेकर अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है। हालांकि जिस तरह से पिछले चुनाव के मुकाबले महिलाओं को वोट पैटर्न बदला है उसकों लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा उत्साहित है। लेकिन चुनाव से पहले सर्वे एजेंसिया जिस तरह से कांग्रेस को बहुमत दे रही थी। उसके बाद से ही कांग्रेस अपनी जीत का दावा करने में जुट गयी थी।
चुनावी समर में सर्वे को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच जहां ऊहाफोह की स्थिति बनी हुई थी तो वहीं मतदाता भी भ्रम के मायाजाल में उलझा हुआ था। लेकिन मतदान में जिस तरह से महिलाएं, किसान और बेरोजगार युवाओं ने दिलचस्पी दिखाई है उससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार के प्रति नाराजगी मतदाताओं में कम रही। इस बार के मतदान पैटर्न में जिस तरह से बदलाव हुआ है उसकों लेकर कांगे्रस और भाजपा दोनों राजनीतिक पार्टियां अपनी- अपनी जीत का दावा करती हुई नजर आ रही है। हालांकि राजनीति के जानकारों की माने तो मतदान फीसदी में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले में एक फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा है तो इसका मतलब साफ है कि सरक ार के प्रति विरोध धरातल पर उतना नहीं है जितना पहले अनुमान लगाया जा रहा था।
महिलाओं और युवाओं के भरोसे दोनों पार्टियां
मतदान प्रक्रिया में जिस तरह से महिलाओं और युवाओं ने दिलचस्पी दिखाई है उसकों लेकर दोनों पार्टियों के नेता अपने अपने पक्ष में मतदान होने का हवाला देकर सरकार बनाने की बात कर रहे है। कांग्रेस जहां नारी सम्मान और छात्रवृत्ति योजना का हवाला देकर अपने पक्ष में इस वर्ग के मतदान को जोड़ रही है तो वहीं बीजेपी लाडली बहना और निशुल्क शिक्षा और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना से जोड़कर सरकार बनाने का दावा कर रही है। मतदान के बाद कांग्रेस नेता जहां 130 सीट का दावा करते हुए नजर आ रहे है तो वहीं बीजेपी के नेता 150 सीट जीतने की बात कर रहे है।
चार दशक के वोट पैटर्न का परिणाम
वर्ष मतदान फीसदी सत्ताधारी दल
1985 49.79 कांग्रेस
1990 54.21 भाजपा
1993 67.21 कांग्रेस
1998 60.21 कांग्रेस
2003 67.25 बीजेपी
2008 69.78 बीजेपी
2013 72.13 बीजेपी
2018 75.63 कांग्रेस
2023 77 –