पटना
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी करने वाले 50 कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। ये कर्मचारी मध्य पूर्व रेलवे और नालंदा एवं अंबाला डिविजन में तैनात हैं। सीबीआई के अधिकारी बिजय कुमार की ओर से सोनपुर डिविजन के सीनियर कोचिंग डिपो इंचार्ज को खत लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि वे कर्मचारियों को परमिशन दें कि वे उचित दस्तावेजों के साथ दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय आ सकें। इन कर्मचारियों को सीबीआई ने 21 और 25 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।
सोनपुर के जिन 9 कर्मचारियों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है, वे मकेनिकल डिपार्टमेंट में काम करते हैं, जबकि एक बरौनी जंक्शन में तैनात है। सीबीआई और ईडी नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच कर रहे हैं। आरोप है कि इस घोटाले के तहत एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के जरिए लोगों से नौकरी के बदले जमीनें लिखा ली गईं। इन जमीनों को बेहद मामूली कीमत पर लिखवाया गया था। सीबीआई ने इन कर्मचारियों से कहा है कि वे पूछताछ के लिए अपने शैक्षणिक, रिहायशी दस्तावेज लेकर आएं। इसके अलावा कैरेक्टर सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और विभाग का आईडी कार्ड भी लेकर आने को कहा है।
सीबीआई ने अंबाला रेल डिविजन के सीनियर डिविजनल पर्सनल ऑफिसर को भी पत्र लिखा है। एजेंसी ने अधिकारी से कहा है कि वे अपने 11 मातहत कर्मचारियों को पूछताछ में शामिल होने के लिए मौका दें। हाल ही में ईडी ने इस मामले में एके इन्फोसिस्टम्स के डायरेक्टर अमित कात्याल को अरेस्ट किया था। कात्याल को 11 नवंबर को नौकरी के बदले जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किया गया है। ईडी ने बताया था, 'इस कंपनी का एड्रेस डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड था। यह आवास लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़ा है।'
लालू, तेजस्वी समेत कई लोगों से हो चुकी पूछताछ
ईडी ने कहा कि कई जमीनों को इस कंपनी ने ले लिया था। यह काम लालू प्रसाद यादव की ओर से लोगों को नौकरियां देने के एवज में किया गया था। लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान हुए इस घोटाले में तेजस्वी यादव, मीसा यादव समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं। इस मामले की जांच ईडी और सीबीआई दोनों मिलकर कर रहे हैं। 2004 से 09 के दौरान हुए इस घोटाले में ईडी ने लालू यादव, तेजस्वी यादव समेत कई लोगों से पूछताछ की है।