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अमेरिका ने ईरान के दरवाजे पर तैनात किए महाव‍िनाशक युद्धपोत तो घबराए अयातुल्‍ला, हमास के युद्ध से किया ‘किनारा’

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तेहरान

इजरायल और हमास के युद्ध में लगातार धमकी दे रहे ईरान पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने महाव‍िनाशक युद्धपोतों का पूरा बेड़ा ओमान की खाड़ी में तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि दर्जनों फाइटर जेट से लैस यूएसएस आइजनहावर एयरक्राफ्ट कैरियर और कई अन्‍य युद्धपोतों के बेड़े को अमेरिका ने ईरान की सीमा से मात्र 300 किमी की दूरी में तैनात किया है। इससे पहले ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला अली खामनेई ने हमास को लेकर इजरायल और अमेरिका को चेतावनी दी थी लेकिन अमेरिकी युद्धपोतों को देख अब उनके सुर भी बदल गए हैं।

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एयरक्राफ्ट कैरियर स्‍ट्राइक ग्रुप 4 नवंबर को स्‍वेज नहर के रास्‍ते फारस की खाड़ी के लिए रवाना हुआ था। इस दौरान यह भूमध्‍य सागर में इजरायल के पास तैनात यूएसएस गेराल्‍ड आर फोर्ड स्‍ट्राइक ग्रुप के ट्रेनिंग में भी शामिल हुआ था। अब यह एयरक्राफ्ट कैरियर इस सप्‍ताह अरब सागर में पहुंच गया है। अमेरिकी नौसेना ने इस एयरक्राफ्ट कैरियर की तस्‍वीर जारी है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ बड़ी संख्‍या में फाइटर जेट, दो मिसाइल डेस्‍ट्रायर, एक मिसाइल क्रूजर और एक अत्‍याधुनिक सबमरीन भी ईरान की सीमा के पास तैनात है।

ईरान की चौतरफा घेरेबंदी

ये सभी अमेरिकी युद्धपोत हजारों की तादाद में क्रूज मिसाइलों से लैस हैं। इनकी मदद से अमेरिका ईरान के पूर्वी और मध्‍य इलाके में कहीं भी हमला करने की ताकत रखता है। इसके अलावा अमेरिका के पास कई और एयरक्राफ्ट कैरियर और बमवर्षक व‍िमान हैं जिन्‍हें उसने रणनीतिक रूप से अहम ईरान के पास तैनात किया है। बताया जा रहा है कि यूएसएस फोर्ड को अमेरिका ने साइप्रस के पास तैनात किया है। इसी तरह से यूएसएस बतान को लाल सागर और बी 1 बॉम्‍बर को तुर्की में तैनात किया गया है।

अमेरिका ने यह तैनाती ऐसे समय पर की है जब ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्‍ला अली खमनेई ने हमास के आतंकी सरगना इस्‍माइल हानिया को 7 अक्‍टूबर के हमलों के लिए सख्‍त संदेश दिया है। अयातुल्‍ला ने हमास चीफ से कहा, 'आपने हमें इजरायल पर 7 अक्‍टूबर के हमलों के लिए कोई चेतावनी नहीं दी और आपके नाम पर हमारा देश युद्ध में नहीं कूदने जा रहा है।' ईरानी नेता ने कहा कि हालांकि ईरान हमास को अपना राजनीतिक और नैतिक समर्थन देता रहेगा लेकिन सीधे हस्‍तक्षेप नहीं करेगा। यही नहीं ईरानी नेता ने यह भी कहा कि हिज्‍बुल्‍ला को भी इस युद्ध में नहीं घसीटा जाए। इससे पहले एक अमेरिकी परमाणु सबमरीन भी खाड़ी देशों के करीब पहुंची थी।