जयपुर
वायु प्रदूषण की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों गैस चैंबर बनी हुई है। प्रदूषण की वजह से लोगों का दम घुट रहा है। वहां प्रदूषण की स्थिति कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जयपुर आना पड़ा है। लेकिन, जयपुर में एयरपोर्ट के आसपास सांगानेर इलाके में भी अगर ऐसी स्थिति भविष्य में बनती है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ रीको के वर्तमान अफसर जिम्मेदार होंगे। क्योंकि यहां फिनटेक पार्क बनाने के लिए बड़ी मात्रा में पेड़ों को उजाड़ा जा रहा है। इससे यहां के वाशिंदे काफी चिंतित हैं. क्योंकि इस इलाके में इतना बड़ा ऑक्सीजन जोन और कहीं नहीं है।
दरअसल, रीको ने यहां 40 हैक्टेयर जमीन पर फिनटेक पार्क (औद्योगिक) डवलप करने की योजना बनाकर उस पर काम शुरू कर दिया है। औद्योगिक के नाम पर यहां पूरी तरह व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जाएंंगी। इससे यहां जबरदस्त वायु प्रदूषण होगा। क्योंकि संपूर्ण एरिया डवलपमेंट प्लान के मुताबिक यहां 1 करोड़ 20 लाख वर्ग फुट निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए 15000 गाड़ियों की पार्किंग भी प्रस्तावित होगी। इन यूनिटों का गंदा पानी भी पास ही बहने वाली दृव्यवती नदी में डाला जाएगा। इनके लिए 15 लाख मेगावाट बिजली की जरूरत होगी।
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबक विद्युत आपूर्ति ठप होने की स्थिति में यहां जो जेनरेटर सैट चलेंगे तो उनसे करीब 12 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड जेनरेट होगी। चूंकि फिनटेक पार्क का एरिया सांगानेर औद्योगिक क्षेत्र के पास ही है इसलिए यहां वायु प्रदूषण और भी खतरनाक हो जाएगा। क्योंकि इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण यहां पहले ही प्रदूषण काफी रहता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रीको के अफसर अपनी जिद के कारण यहां के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने पिछले दिनों इसके लिए आंदोलन भी किया था। लेकिन, उच्चाधिकारियों की मनःस्थिति यहां के लोगों को वायु प्रदूषण से राहत देने की नहीं है। उनकी व्यक्तिगत रुचि के कारण ही रीको के अफसर इस फिनटेक पार्क तक पहुंचने का सुगम रास्ता नहीं होने के बाद भी इसे डवलप करने पर उतारू हैं। वह भी तब जबकि बायो डायवर्सिटी बोर्ड और वन एवं पर्यावरण विभाग सीएमओ को यह सिफारिश भेज चुका है कि लोगों के स्वास्थ्य और वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए फिनटेक पार्क को कहीं और स्थानांतरित कर देना चाहिए।