बांदा
बांदा में सुप्रीम कोर्ट और सरकर की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं. कोर्ट ने निर्देश पर जिले में अफसर सैटेलाइट से निगरानी रख रहे हैं. करीब 24 से ज्यादा किसानों पर कार्रवाई की गई और हजारों का जुर्माना भी किया गया है. साथ ही नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया है. कृषि विभाग लगातार निगरानी में जुटा हुआ है. कृषि विभाग के उप निदेशक विजय कुमार का कहना है कि लगातार जागरूक करने के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं. अब इनसे जुर्माना वसूला जा रहा है. हमारी अपील है कि पर्यावरण को देखते हुए किसान पराली न जलाएं.
दरअसल, पराली जलाने को लेकर सरकार सख्त है. जिसको लेकर कृषि विभाग बांदा पर्यावरण सुरक्षा को लगातार किसानों को जागरूक करने का दावा करता है लेकिन फिर भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. सैटेलाइट से निगरानी में करीब दो दर्जन से ज्यादा किसानों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. जांच में अतर्रा, बबेरू और बांदा सहित में किसानों ने पराली जलाई हैं. जिसमें करीब 22 किसानों से एक लाख 32 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. बाकी शेष किसानों की जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही गई है.
कृषि विभाग का कहना है कि पराली न जलाएं. इसको खेत में डाल दें जो खाद के रूप में काम देगी. फसलों के अवशेष से कंपोजिट खाद भी बनाई जा सकती है. पराली जलाने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है. खेत के लाभ देने वाले जीवाणु और केंचुए मर जाते हैं. साथ ही खेतों में फसलों की पैदावार क्षमता भी कम हो जाती है. इसलिए किसानों से अपील है कि पराली न जलाएं बल्कि उसे खाद के रूप में प्रयोग करें.
DM दुर्गा शक्ति नागपाल ने पराली जलाए जाने को लेकर सभी SDM और तहसीलदार को अलर्ट किया है. उन्होंने सभी को निगरानी रखने का आदेश दिया है. साथ ही घटनाएं सामने आने पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. डीएम ने आगे कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति पराली जलाते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने अफसरों को भी चेतावनी दी कि यदि घटनाएं सामने आईं और अफसरों ने संज्ञान नहीं लिया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.