नईदिल्ली
कवि कुमार विश्वास की वीआईपी सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के कमांडो को रोड रेज मामले की जांच होने तक हटा दिया गया है। इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी। एक डॉक्टर ने कवि की सुरक्षा में तैनात कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। सूत्रों ने बताया कि कवि की सुरक्षा जारी रखने के लिए सीआरपीएफ कमांडो के दूसरे बैच ने अपने सहयोगियों की जगह ले ली है। 53 वर्षीय विश्वास को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी विंग की वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। यह सुरक्षा उन्हें खालिस्तान समर्थकों का समर्थन करने के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने के बाद केंद्र सरकार से मिली थी।
विश्वास की वीआईपी सुरक्षा में तैनात तीन सीआरपीएफ जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि उनकी जगह कमांडो की एक अन्य टीम ने ले ली है। सूत्रों ने बताया कि इन कर्मियों को कथित रोड रेज घटना की जांच पूरी होने तक हटाया गया है। दरअसल बुधवार को जब विश्वास उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से अलीगढ़ की यात्रा कर रहे थे, तब रोड रेज की घटना सामने आई थी। पहले कवि ने इसे हमला बताया था। हालांकि पुलिस की जांच में अलग बात सामने आई थी, जिसके बाद उन्होंने माफी मांगी थी।
सीआरपीएफ महानिदेशक एस एल थाओसेन द्वारा घटना की समीक्षा के बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि कमांडो द्वारा संभवत: मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। हालांकि सूत्रों ने कहा कि घटना के सभी तथ्य जांच पूरी होने के बाद सामने जाएंगे। सीआरपीएफ ने घटना के बारे में रिकॉर्ड किए गए कुछ मोबाइल वीडियो, कथित तौर पर पीड़ित डॉक्टर और इसमें शामिल सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिए गए शुरुआती बयानों के आधार पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है।
विश्वास के सुरक्षाकर्मियों की तरफ से बुधवार को पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई गई जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी कार को एक शख्स के वाहन ने टक्कर मार दी। उसने कवि के काफिले में चल रहे सीआरपीएफ और पुलिस कर्मियों पर भी हमला किया। हालांकि कथित पीड़ित डॉ. पल्लव बाजपेयी ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि विश्वास के सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। सीआरपीएफ मामले की जांच में मिले निष्कर्षों को भविष्य की कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और विश्वास के साथ भी साझा करेगा।