भारत सरकार के मंत्री द्वारा आत्मनिर्भर गौशाला के लिए बिहारी लाल साहू सहित गौसेवकों को सुदर्शन सम्मान के किया गया सम्मानित
डिंडोरी
गौ-आधारित जैविक खेती के महत्व को समझते हुए एवम् बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाकौशल प्रान्त से बिहारी लाल साहू ने संगोष्ठी में शामिल होकर जैविक खेती की व्यवहारिक जानकारी दिया। आपको बता दें बिहारी जी क्षेत्र के सुप्रसिद्ध जैविक कृषि विशेषज्ञ है जो गौ आधारित जैविक खेती के लिए लगातार कार्य कर रहे है और आज प्रदेश के किसानों के प्रेरणा स्त्रोत है।
राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा देश की आत्मनिर्भर गौशालाओं के महत्व को समझते हुए एवं प्रोत्साहित करने को लेकर 07 नवंबर 2023 को "विश्व युवा केंद्र" चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में सुदर्शन सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही इसी दिन 07 नवंबर 1966 को संसद मार्ग पर शहीद हुए संतो को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु सभा का आयोजन किया गया।
मंगलवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय गौधन महासंघ के संयोजक विजय खुराना ने बताया कि गाय इस देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
महासंघ देश में 22 हजार गौशालाएं संचालित कर रहा है। हमारी कोशिश है कि हर गौशाला आत्मनिर्भर बने। हमारी कुछ गौशालाओं आत्मनिर्भर हैं। उनके गोबर से लकड़ी बनाई जा रही है।गौशालाओं ने 20 हजार टन लकड़ी बेची है जिसे लोग होलिका दहन, शमशान, लोहड़ी आदि पर खरीद कर ले जाते हैं।
उन्होंनें बताया कि राष्ट्रीय गौधन महासंघ के 17 वर्षों के कालखंड में गौशालाएं 9500 से 21000 हुई हैं। पूरे देश में इनकी संख्या 2006 में 9 करोड़ थी लेकिन 2022 में यह बढ़कर 21 करोड़ हो गई है। हमें गाय के महत्व को समझना होगा। सतयुग से लेकर आदि अनादि काल से संसार में गाय का सर्वाधिक महत्त्व है समुद्र मंथन से जब दिव्य तेजोमय शक्तियों का प्रदुर्भाव हुआ तो उन महत्वपूर्ण पदार्थो शक्तियों में गाय भी प्राप्त हुई जिसकी शक्ति उस समय अपरिमित थी वह सभी प्रकार के पदार्थों से युक्त थी वह एक ही बार में अनेक लोगों का पालन कर सकती थी, भोजन दे सकती थी परंतु सबसे महत्वपूर्ण यह हैं की गाय से प्राप्त सभी वस्तु देव मनुष्य दानव सबको ग्राह्य हैं। महाभारत का वाक्य है पंचगव्य प्राशन सर्व पाप नशान अर्थात गाय द्वारा प्रदत्त दुग्ध दही घृत गोमूत्र गोबर सभी विशेष मात्रा में मिलाकर लेने से अनेकों जन्मों से एकत्र अस्थियों में जमा पाप भी नष्ट करने की शक्ति पंचगव्य में हैं। यह आज भी प्रमाणित है।
राष्ट्रीय स्तर के संगोष्ठी में मुख्य अतिथि भारत सरकार के मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला, विशिष्ट अतिथि फाउंडर संकल्प के संस्थापक संतोष तनेजा, विश्व जागृति मिशन के स्वामी सुधांशु महाराज का आशीर्वचन और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का सानिध्य प्राप्त हुआ साथ ही भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष व महाकौशल प्रान्त के श्रीअन्न आयाम प्रमुख एवं जाने माने जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारी लाल साहू सहित 20 राज्यों के गौसेवक उपस्थित रहे।