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AUS की वर्ल्ड चैंपियन कप्तान ने लिया संन्यास, 5 बार जिताया ICC का खिताब

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सिडनी

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की महिला कप्तान मेग लैंनिंग ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है. कई दिनों से वह क्रिकेट के मैदान से दूर थी. अब अचानक संन्यास लेकर उन्होंने सभी को चौंका दिया है. हालांकि, मेग डोमेस्टिक क्रिकेट खेलती रहेंगी. लैनिंग ऑस्ट्रेलिया की सबसे सफल कप्तानों में से एक रही है. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपनी कप्तानी में 5 आईसीसी के खिताब जिताए हैं. संन्यास के बाद उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेना मेरे लिए कठिन है.

मेग लैनिंग ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर जाने का निर्णय लेना मेरे लिए कठिन था, लेकिन मुझे लगता है कि अब मेरे लिए सही समय है. मैंने अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर को काफी इंज्वॉय किया है. लेकिन मुझे पता है कि अब सही समय है मेरे लिए कुछ नया करने का. मैंने जो हासिल किया है मुझे उस पर गर्व है और इस दौरान टीम के साथियों के साथ साझा किए गए पलों को भी मैं संजो कर रखूंगी.”

क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि जब किसी कप्तान ने आईसीसी के 5 बड़े खिताब जीते हैं. मेग लैनिंग वही कप्तान हैं. लैनिंग ने ऑस्ट्रेलिया को पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड दिलाकर लंबा ब्रेक ले लिया था. उन्होंने अपनी टीम के लिए फिर वापसी की और उसे विश्व चैंपियन बनाया. ऑस्ट्रेलिया ने महिला टी20 विश्व कप 2023 के फाइनल में मेजबान साउथ अफ्रीका को हराकर छठी बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. कप्तान के रूप में लैनिंग ने पांचवीं बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी.

 

कप्तानी में धोनी से बेहतर

महेंद्र सिंह धोनी भी अपनी कप्तानी में 3 आईसीसी ट्रॉफी जीत चुके है. इस मामले में वह मैग लैनिंग से पीछे हैं. बात करें लैनिंग के करियर की तो लैनिंग ने अंतराष्ट्रीय वनडे करियर में 103 मैच खेले हैं, जिसमें कुल 15 शतक के साथ उन्होंने 4602 रन बनाए हैं. लैनिंग ने टी20 करियर में 121 इनिंग में 2 शतक के साथ कुल 3405 रन बनाए. पिछले एक दशक में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में लैनिंग का अविश्वसनीय योगदान रहा है.

दूसरे ही वनडे मैच में ठोका था शतक
लैनिंग ने 2010 में 18 वर्ष की उम्र में शुरुआत की थी. उन्होंने खुद को महिला वनडे क्रिकेट में प्रमुख बल्लेबाजों के रूप में स्थापित किया. उन्होंने अपने दूसरे वनडे मैच में शतक लगा दिया था, जिससे वो अंतराष्ट्रीय फॉर्मेट में तीन आंकड़े दर्ज करने वाली सबसे कम उम्र की ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बन गई थीं.