नई दिल्ली
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने होने वाले ऐतिहासिक जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है। उनके मुताबिक, 2023 में दुनिया सबसे गर्म होगी। यह गर्मी अब तक रिकॉर्ड किए गए किसी भी दूसरे साल की तुलना में अधिक होगी। 1800 के दशक के अंत में अक्टूबर में औसत तापमान से 1.7C अधिक दर्ज किया गया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि पिछले महीने में रिकॉर्ड गर्मी थी। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की डिप्टी डायरेक्टर सामंथा बर्गेस ने द गार्जियन को बताया, "हम यह कह सकते हैं कि 2023 में रिकॉर्ड गर्मी हुई है। इस साल औसत से 1.43C अधिक गर्मी पड़ी है।"
औद्योगिक क्रांति के बाद से वायुमंडल में गर्मी रोकने वाली गैसों में तेज वृद्धि हुई है। इसके कारण तापमान में 1.2C की बढ़ोतरी हुई है। जीवाश्म ईंधन को जलाना और प्रकृति का विनाश भी बढ़ती गर्मी का कारण है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीनहाउस गैस प्रदूषण के शक्तिशाली मिश्रण, प्राकृतिक मौसम पैटर्न अल नीनो की वापसी के साथ-साथ टोंगा में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण गर्मी बढ़ी है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन के जलवायु वैज्ञानिक फ्राइडेरिक ओटो ने बताया, "हम इस साल रिकॉर्ड गर्मी देख रहे हैँ। इसका मतलब रिकॉर्ड मानवीय पीड़ा से है। इस वर्ष अत्यधिक गर्मी और सूखे के कारण तापमानों की स्थिति और भी बदतर हो गई है। हजारों मौतें हुईं। लोगों ने अपनी आजीविका खो दी। विस्थापित हो गए। ये ऐसे रिकॉर्ड हैं जो मायने रखते हैं।"'
दुनियाभर के नेताओं के आठ साल पहले पेरिस में एक शिखर सम्मेलन में किए गए वादे का पालन नहीं किया। उन्होंने सदी के अंत तक 1.5C तक गर्मी कम करने का वादा किया था। लेकिन वर्तमान नीतियों के कारण यह लगभग 2.4C तक बढ़ गया है।
एक वैज्ञानिक ने कहा, ''यह देखना भयावह है कि जून 2023 के बाद से वैश्विक तापमान 2015 की दूसरी छमाही की तुलना में बहुत अधिक गर्म है। इस समय अल नीनो बहुत मजबूत था। हमारा ग्रह अपने मौसम संबंधी इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण मील के पत्थर से गुजर रहा है। आने वाले महीनों में नए रिकॉर्ड देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।''