पंद्रह नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में मुलाकात कर सकते हैं बाइडेन और जिनपिंग
सैन फ्रांसिस्को
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 15 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। जापानी न्यूज एजेंसी क्योडो ने अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि दोनों नेता एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के वित्त मंत्रियों की बैठक से इतर मुलाकात की योजना बना रहे हैं।
चीन ने हालाँकि अभी तक शिखर सम्मेलन में शी की भागीदारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव एमिली सिमंस ने कहा था कि अमेरिका और चीन सैद्धांतिक रूप से सैन फ्रांसिस्को में एपेक शिखर सम्मेलन के इतर बाइडेन और जिनपिंग के बीच एक बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।
इजराइल-हमास और अन्य वैश्विक संकट को देखते हुए जी7 राष्ट्रों में एकजुटता जरूरी : ब्लिंकन
तोक्यो
तोक्यो में जी7 देशों के औद्योगिक प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान इजराइल-हमास युद्ध पर एकजुट रुख अपनाने के लिए प्रयास किया वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और अन्य वरिष्ठ राजनयिक पश्चिम एशिया में लगातार गहराते जा रहे मानवीय संकट को रोकने तथा युद्ध खत्म करने के तरीके तलाशने में जुटे हैं।
जी7 विदेश मंत्रियों की दूसरे व अंतिम दिन की वार्ता में विभिन्न वैश्विक संकट पर बातचीत हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा सात अक्टूबर को हमास के अभूतपूर्व एवं अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न मानवीय संकट और गाजा में महीने भर से जारी संघर्ष रहा। साथ ही बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, उत्तर कोरिया परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम और चीन की क्षेत्रीय विवाद को लेकर अपने पड़ोसियों के साथ बढ़ती आक्रमकता जैसे विषयों पर भी बातचीत हुई।
पश्चिम एशिया का तूफानी दौरा करने बाद तोक्यो पहुंचे ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल में युद्ध पर एक स्पष्ट रुख बहुत ही जरूरी है ठीक वैसे ही, जैसे यूक्रेन और अन्य बड़े मुद्दों पर राजनयिकों ने किया। मंत्री भी गाजा को लेकर मतभेदों को गहराने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्लिंकन ने जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के साथ मुलाकात करने के बाद जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा से कहा, ”इस संकट की घड़ी में जी7 राष्ट्रों के लिए एक साथ आने और एक स्वर में आवाज उठाने के लिए यह एक बहुत ही जरूरी क्षण है, जैसा कि हम करते आए हैं।”
तोक्यो में ब्लिंकन और ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली के विदेश मंत्री पश्चिम एशिया की सीमा पर पहले से ही बेहद कमजोर हो चुके सुरक्षा हालात को और अधिक अस्थिरता की ओर जाने से बचाने के उद्देश्य से गाजा युद्ध रोकने के लिए साझा आधार तलाशने की कोशिश करेंगे।
न्यूजर्सी राज्य के सीनेटर भारतवंशी विन गोपाल करीबी मुकाबले में तीसरी बार चुनाव जीते
न्यूयॉर्क
अमेरिकी राज्य न्यूजर्सी के सीनेटर भारतवंशी विन गोपाल बेहद कड़े मुकाबले में राज्य सीनेट में तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुन लिए गए हैं।
डेमोक्रेटिक पार्टी के 38 वर्षीय सीनेटर ने न्यूजर्सी के 11वें कांग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट में रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी स्टीव डिनिस्ट्रियन को करीब 60 प्रतिशत वोट हासिल कर हराया।
गोपाल के चुनाव प्रचार अभियान के अनुसार, गोपाल वर्तमान में न्यूजर्सी राज्य सीनेट के सबसे कम उम्र के सदस्य और राज्य के इतिहास में सीनेट के लिए चुने जाने वाले पहले दक्षिण-एशियाई अमेरिकी हैं।
अमेरिका के कम से कम 37 राज्यों में मतदान हुआ। न्यूजर्सी की विधायिका में राज्य सीनेट और विधानसभा शामिल हैं और इसमें 40 जिलों से 120 सदस्य हैं। प्रत्येक जिले में सीनेट में एक प्रतिनिधि और विधानसभा में दो प्रतिनिधि होते हैं जिनका कार्यकाल क्रमश: चार और दो साल होता है।
‘द फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर’ अखबार के अनुसार, नवंबर के आम चुनाव में सभी 120 सीटों पर मतदान होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में गोपाल की सीट इस साल रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष लक्ष्यों में से एक है।
गोपाल पहली बार 2017 में चुने गए और 2021 में फिर से चुने गए। इस बार के चुनाव में उन्हें 58 फीसदी वोट मिले जबकि 38 फीसदी वोट डिनिस्ट्रियन को मिले। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने मतदाताओं की सेवा और द्विदलीय प्रणाली को दिया।
परिणाम घोषित होने के बाद रिपोर्ट में गोपाल के हवाले से कहा गया, ‘‘आप सभी ने आज रात इतिहास रच दिया।’’
गोपाल वर्तमान में सीनेट शिक्षा समिति के अध्यक्ष हैं और सीनेट मेजोरिटी कांफ्रेंस के नेता हैं। न्यूजर्सी में जन्मे और पले-बढ़े गोपाल के पास रटगर्स यूनिवर्सिटी से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर और पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री है।