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छिंदवाड़ा में मरीजों के लिए सजती है “दरवाजे पर ओपीडी”, ‘कमलनाथ सरकार’ की बोलती तूती

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छिंदवाड़ा.

छिंदवाड़ा शहर में आदिवासी छात्रावास के बाहर बड़ी भीड़ लगी थी। पूछने पर पता चला कि यहां पर थोड़ी देर में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आने वाले हैं। कमलनाथ इसी छिंदवाड़ा से विधायक भी हैं और कांग्रेस के संभावित मुख्यमंत्री के चेहरे भी। कमलनाथ के आने से पहले ही यहां पर छिंदवाड़ा के पास स्थित कस्बा चांद के महेंद्र कुमरे कुछ मोटी फाइलों के साथ उस जगह पर पहुंचे थे। पूछने पर कहते हैं कि यह उनके भतीजे के इलाज की फाइल है। जिस पर कमलनाथ जी दस्तखत करेंगे और फिर उनके बेटे का फ्री में इलाज हो जाएगा।

कुमरे जैसे एक नहीं बल्कि कई लोग कमलनाथ का इंतजार सिर्फ उनसे अपने करीबियों के इलाज में मदद के लिए ही खड़े थे। दरअसल कमलनाथ की अपने इलाके में पहचान सिर्फ एक कद्दावर नेता की ही नहीं बल्कि उस बड़े मददगार के तौर पर भी की जाती है जो साल में करोड़ों रुपए का फ्री में इलाज अपने क्षेत्र और आसपास की जनता के लिए करते हैं। हालांकि विपक्ष के नेता इस पर बड़े सवालिया निशान भी लगाते हैं। अमर उजाला ने छिंदवाड़ा की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान यहां की सियासत की ताप को करीब से समझा। मध्य प्रदेश की हॉट सीट में छिंदवाड़ा हमेशा से रहा है। क्योंकि कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इसी जिले से ताल्लुक रखते हैं और यही के विधायक भी हैं। कमलनाथ की हैसियत का अंदाजा मध्य प्रदेश में इसीलिए भी लगाया जा सकता है कि  वह अपने जिले की किसी भी सीट पर विपक्ष को हावी नहीं होने देते हैं। यही वजह है कि पिछले चुनाव में सियासत के बड़े उलट फेर के बावजूद भी छिंदवाड़ा की सभी सातों सीटें कांग्रेस के खाते में आई थीं। छिंदवाड़ा के अब्दुल कयूम कहते हैं कि यह वह इलाका है जहां कमलनाथ के नाम का सूरज डूबता ही नहीं है। इसके पीछे का तर्क देते हुए कहीं रहते हैं कि यह सिर्फ उनकी सियासत की वजह से नहीं बल्कि मानवीय पहल की वजह से होता है जिसके लिए कमलनाथ के दरवाजे पर "मरीजों की ओपीडी" चलती है। मरीजों की ओपीडी को विस्तार से समझाते हुए कयूम कहते हैं कि इस इलाके के गरीब मजदूर और आदिवासी जब बीमार होते हैं तो महंगे इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में नहीं बल्कि कमलनाथ के दरवाजे पर जाते हैं। उनका कहना है कि कमलनाथ के दरवाजे पर भले किसी और मदद के लिए लोगों को इंतजार करना पड़े लेकिन मरीज के मदद के लिए कमलनाथ के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। कयूम कहते हैं की कमलनाथ के दरबार में एक रजिस्टर रहता है जिसमें मरीज को प्राथमिकता के आधार पर इलाज करवाने के लिए बाकायदा उनकी पूरी टीम बनी हुई है।
महेंद्र कुमरे जो अपने भतीजे का इलाज करने के लिए नागपुर के एक नामी अस्पताल का एस्टीमेट लेकर कमलनाथ की रैली स्थल पर खड़े थे, कहते हैं कि उनके भतीजे को कैंसर है और इलाज के लिए 14 लाख रुपए का एस्टीमेट डॉक्टरों ने बताया है। डेढ़ साल से इलाज के लिए कमलनाथ के दरवाजे से ही सारा खर्च किया जा रहा है। फिर कुछ पैसे की जरूरत आई है इसलिए वह इस सियासी माहौल में भी मदद के लिए कमलनाथ के पास पहुंचे हैं। रैली स्थल के बगल में ही खड़े अजय मरकाम कहते हैं कि कमलनाथ इस इलाके से नौ बार के सांसद सिर्फ इसलिए नहीं हुए कि वह सियासत में ही कुछ बहुत बड़ा करते हैं बल्कि इसलिए हुए क्योंकि वह गरीबों और आदिवासियों के लिए इलाज के नाम पर सबसे ज्यादा सहयोग करते हैं और पैसे की मदद करते हैं। मरकाम कहते हैं कि छिंदवाड़ा एक ऐसा इलाका है जहां कमलनाथ के पास सत्ता पक्ष विपक्ष के लोग लगातार इलाज के लिए पहुंचते हैं। छिंदवाड़ा के जिस आदिवासी छात्रावास के पास कमलनाथ की जनसभा होनी थी वहां पर मौजूद नेतराम साहू कहते हैं कि यहां पर मोदी लहर में भी कमलनाथ का सूरज अस्त नहीं हुआ था। उनका कहना है कि इस विधानसभा के चुनाव में भले ही छिंदवाड़ा पर पूरे देश की निगाहें लगी हो लेकिन परिणाम पहले से ही पता है।