इंदौर
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी के अपमान को लेकर आमने-सामने हो गई है। दरअसल, 30 अक्टूबर को कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन रैली में कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन तिवारी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भगवान राम का जयकारा लगाया। लेकिन उनकी जुबान फिसल गई और उनके मुंह से 'सियावर रामचंद्र' की जगह 'सियापति हनुमान' की जय नारा निकल गया। इस बात पर भाजपा ने बिना मौका गंवाए कांग्रेस को घेरा, भगवा दल प्रदेश प्रवक्ता से लेकर स्थानीय नेताओं तक ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। भाजपा ने इसकी शिकायत पुलिस में की। जिसके बाद कांग्रेस पर्यवेक्षक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला भी दर्ज हो गया। इधर कांग्रेस नेता और खंडवा में बतौर पर्यवेक्षक आए महाराष्ट्र के मोहन तिवारी ने कहा कि भाजपा मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बातों को उछालती है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनसे गलती हुई है जिसके लिए वह क्षमा भी मांग चुके हैं।
कांग्रेस के एक कार्यक्रम में भगवान राम की झांकी बनाई गई। जिसमें राम दरबार प्रस्तुत किया गया। जब भगवान राम और माता सीता के साथ लक्ष्मण की एंट्री हो रही थी, उस वक्त कांग्रेस नेता मंच से नारा लगाकर लोगों में जोश भर रहे थे। इसी बीच उनकी जुबान फिसली और सियापति रामचंद्र की जगह सियापति हनुमान की जय का नारा लग गया। नारा लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस जानबूझकर इस तरह की हरकत करती है। उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की बात भी कही।
इधर गुरुवार के दिन खंडवा के कोतवाली थाने में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कांग्रेस नेता और पर्यवेक्षक मोहन तिवारी पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का केस दर्ज करवाया। देवेंद्र यादव का कहना था कि '30 अक्टूबर को कांग्रेस की नामांकन रैली में कांग्रेस के पर्यवेक्षक ने एक नारा लगवाया। जिसमें सनातन को गाली देते हुए भगवान हनुमान को माता सीता का पति बताने का जयकारा लगाया गया, जो अपने आप में आपत्तिजनक था। पूरे भारत में इस तरह के कृत्य किये जा रहे हैं। इसी सिलसिले में खंडवा में मुंबई से आए पर्यवेक्षक ने मंच से सियापति हनुमान का जो जयकारा लगाया है वह बेहद ही अपमानजनक और आपत्तिजनक है।' देवेंद्र यादव ने कहा कि 'तीन दिन के बाद भी न तो उनकी ओर से कोई खेद व्यक्त किया गया और न ही माफी मांगी गई। जिससे स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा जानबूझ कर इस तरह का काम किया गया है। क्योंकि वह जानते हैं कि खंडवा एक संवेदनशील क्षेत्र है, उपचुनाव में उन्हें वर्ग विशेष से कोई लाभ मिले, इसलिए उन्होंने ऐसा काम किया है।'
इधर महाराष्ट्र के ठाणे से आए कांग्रेस पर्यवेक्षक और खंडवा प्रभारी मोहन तिवारी ने कहा कि 'बीजेपी मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दों को उठती है। वह अपना एजेंडा चलाने के लिए प्रभु श्री राम का उपयोग करती है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में मध्य प्रदेश में सैकड़ो घोटाले हैं जो मामा ( सीएम शिवराज सिंह चौहान) ने किए हैं। उन घोटालों पर लोग यहां सवाल पूछ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं की मामा का चेहरा इस बार बीजेपी ने क्यों पीछे कर दिया है। इस पर से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी इस तरह के नए-नए हथकंडे ढूंढ रही है। अब प्रभु राम चंद्र जी की छवि हमारे इसमें आ गयी, तो उनको ऐसा लग रहा है कि राम चंद्र जी को कांग्रेस ने क्यों हथिया लिया।' इस मामले में शिकायत मिलने के बाद खंडवा के कोतवाली थाने में कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।