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महिलाओं की खूबसूरती में चार-चांद लगाता गजरा, जानें करवा चौथ पर क्यों लगाती हैं गजरा

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करवा चौथ के दिन महिलाएं पिया की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। दिन भर बिना खाए-पीए निर्जला रहकर इस व्रत को किया जाता है। सुहाग की सलामती के लिए इन दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इन्हीं सोलह श्रृंगार में शामिल है गजरा। बालों में लगा चमेली के फूलों की गजर खूबसूरती में चार-चांद लगा देता है। हिंदू धर्म में गजरा को बहुत महत्व है। दक्षिण भारत में पूजा से लेकर फंक्शन में महिलाएं बालों में गजरा जरूर लगाती हैं। राजा महाराजाओं के समय से गजरा महिलाओं की शोभा बढ़ा रहा है। गजरा लगाने का फैशन पिछले कुछ दिनों में काफी बढ़ गया है। खासतौर से करवा चौथ पर महिलाएं गजरा जरूर लगाती हैं।

करवा चौथ पर गजरा का महत्व
गजरा को सौभाग्य और समृद्धि की निशानी माना जाता है. महिलाओं के बालों में जैसे गजरा महकता है उसी तरह आपके रिश्ते में महक बनी रहे, इसलिए गजरा लगाया जाता है। बेला-चमेली के फूलों का गजरा घर में सुख शांति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि गजरा लगाने से धन की देवी लक्ष्मी खुश होती हैं और इससे पति पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।

गजरा का क्या है धार्मिक महत्व
गजरा में ज्यादातर सफेद बेला-चमेली के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। गजरा दिखने में जितना सुंदर लगता है उतना ही कोमल होता है. मान्यता है कि गजरा में इस्तेमाल होने वाले फूल मां लक्ष्मी को पसंद हैं। जब आप इन्हें अपने बालों में लगाती हैं तो देवी आपसे खुश होती हैं। लक्ष्मीजी को गजरा या चमेली के फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता हैं. नारी को देवी का रूप माना गया है जिनके बालों में गजरा लगाया जाता है।

गजरा का क्या है इतिहास
राजा-रानियों के वक्त में महारानी गजरा लगाती थीं। दक्षिण एशिया में महिलाएं श्रृंगार और आभूषण के रूप में गजरा का इस्तेमाल करती थीं। किसी खास उत्सव, पूजा और शादियों में गजरा लगाने का चलन है। आजकल कई तरह के फूलों से गजरा बनाया जाता है, लेकिन जो असली गजरा होता है वो चमेली के फूलों से बनाया जाता है। महिलाएं बालों और जूड़ा में गजरा लगाती हैं। कई जगह आभूषण के तौर पर भी गजरा को हाथ, गले और बालों में पहना जाता है।