ग्वालियर
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ग्वालियर में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की और पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया. अमित शाह ने कहा, सपा और बसपा के उम्मीदवारों की मदद करो, ये जितने मजबूत होंगे, उतना हमें फायदा होगा. यही कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा, अपने रूठे हुए फूफाओं (बीजेपी के बागी नेता) को मनाने की ज्यादा जरूरत नहीं है.
शाह का कहना था कि अगर वो मान रहे हैं तो ठीक है. वरना आगे बढ़ो. फूफा अपने आप 10 तारीख (नवंबर) तक पार्टी का प्रचार करते हुए नजर आएंगे. अभी जो लोग पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं, उनसे जरूर संपर्क करें. उनको मनाने की कोशिश करें, जिससे वो अपना नाम वापस ले लें. अगर जरूरत हो तो मुझसे भी बात कराएं. शाह ने कहा, जिन लाभार्थियों को डबल इंजन की सरकार का लाभ मिला है, उनसे सीधे संपर्क करो. उनका वोट हर हालत में डले, इसके प्रयास करो.
'राजनीति में जो लोग पैसा कमा लेते हैं, वो खर्च नहीं करते'
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह जब सपा और बसपा के उम्मीदवारों को 'दाना पानी' देने की बात कर रहे थे, उसी समय अशोक नगर के जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनके यहां इन पार्टियों से जो उम्मीदवार खड़े हुए हैं, वे काफी पैसे वाले हैं. इस पर शाह ने दो टूक कहा, राजनीति में जो लोग पैसा कमा लेते हैं, वे खर्च नहीं करना चाहते हैं. इसलिए इस चक्कर में मत पड़ना कि वे पैसे वाले हैं तो उनकी मदद नहीं की जाए.
'आपको अभ्यास वर्ग की जरूरत…,' भिंड जिलाध्यक्ष को नसीहत
अमित शाह ने सभी आठों जिला अध्यक्षों से अब तक किए गए कार्यों के बारे में फीडबैक लिया. उन्होंने बूथ स्तर पर मठ मंदिरों के प्रमुखों से मुलाकात करने, बाइक वाले कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करना, बूथ कमेटियों का गठन हुआ या नहीं… के बारे में जानकारी ली. भिण्ड जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया ठीक से सवालों के जबाब नहीं दे पाए. इस पर अमित शाह ने तपाक से पूछा- आप बीजेपी में कब से आए हो? अभी आपको अभ्यास वर्ग की जरूरत है.
'जय सिंह कुशवाह का बदला रुख, मीटिंग में पहुंचे'
ग्वालियर पूर्व से दावेदारी करने वाले स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद सोमवार को उनका बदला हुआ रुख दिखा. जिस पद से इस्तीफा दिया, उसी पद की हैसियत से मीटिंग में शामिल हुए. उन्होंने कहा, हमने इस्तीफा दिया था लेकिन प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया. पार्टी भारी बहुमत से सरकार बना रही है. अंचल की 34 सीटों में से 30 सीट आ रही हैं. जब उनसे पूछा गया कि वो 4 सीट कौन सी हैं, जिन पर पार्टी हार रही है तो बोले- वो नहीं बताएंगे.
'जिलाध्यक्षों को होमवर्क दे गए शाह'
अमित शाह ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलाध्यक्षों को वार्डों के भ्रमण से लेकर बीजेपी के स्टीकर लगाने का होमवर्क दे गए. उन्होंने कहा, विधानसभा का चुनाव साधारण नहीं है. इस चुनाव से प्रदेश के विकास के साथ-साथ भविष्य की दिशा तय होगी, इसलिए हम सभी को यह चुनाव मिलजुलकर लड़ना है. उन्होंने यह भी कहा, मतदान के दिन प्रत्येक कार्यकर्ता पहले अपना वोट डाले, उसके बाद परिवार का एक-एक वोट डलवाए और उसके बाद कम से कम तीन परिवारों के वोट डलवाये.
'300 पदाधिकारियों के साथ 2 घंटे तक चर्चा'
शाह ने ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 सीटों के बीजेपी पदाधिकारियों, प्रवासी, जिला और विधानसभा प्रभारियों की बैठक ली. वे यहां सवा चार घंटे तक रुके. उसके बाद दिल्ली रवाना हो गए. शाह ने 300 पदाधिकारियों के साथ करीब दो घंटे चर्चा की. इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र सिंह यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एसपीएस बघेल, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा उपस्थित थे.