इजरायल
हमास के खिलाफ जारी युद्ध में इजरायल की सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। आतंकवादी संगठन के एरियल एरे प्रमुख असेम अबू रकाबा को मौत के घाट उतार दिया है। सेना की ओर से कहा गया कि आईडीएफ के लड़ाकू विमानों की ओर से बीती रात किए गए हमलों में वह मारा गया। रकाबा हमास के यूएवी, ड्रोन, पैराग्लाइडर, हवाई पहचान और डिफेंस के लिहाज से अहम शख्स था। 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर नरसंहार का जो प्लान बनाया गया, उसमें भी वह शामिल था। असेम अबू रकाबा ने उन आतंकवादियों की कमान संभाली, जिन्होंने पैराग्लाइडर के जरिए इजरायल में घुसपैठ की। आईडीएफ की चौकियों पर हुए ड्रोन हमलों के लिए भी वह जिम्मेदार था।इजरायल ने गाजा पट्टी में इंटरनेट और संचार के अन्य माध्यम बंद कर दिए हैं, जिससे वहां रहने वाले 23 लाख लोगों का आपस में व बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है। इजरायल ने शुक्रवार रात से गाजा पर हवाई और जमीनी हमले भी तेज कर दिए हैं। इजरायली सेना ने कहा कि वह क्षेत्र में जमीनी अभियान व्यापक कर रही है। सेना की यह घोषणा इस बात का संकेत देती है कि वह गाजा पर संपूर्ण आक्रमण के नजदीक पहुंच रही है। उसने गाजा में हमास आतंकियों का पूरी तरह से सफाया करने का प्रण लिया है।
विस्फोट से गाजा सिटी के आसमान में लगातार दिख रही चमक
इजरायल के हवाई हमलों के कारण हुए विस्फोट से गाजा सिटी के आसमान में लगतार चमक दिखाई देती रही। फिलिस्तीन के टेलीकॉम प्रदाता 'पालटेल' ने कहा कि बमबारी के कारण इंटरनेट, सेल्युलर और लैंडलाइन सेवाएं 'पूर्ण रूप से बाधित' हो गईं हैं। संचार ठप होने का तात्पर्य यह है कि हमले में लोगों के मारे जाने और जमीनी कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी। हालांकि, क्षेत्र में कुछ सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं। गाजा एक सप्ताह से बिजली नहीं होने से अंधेरे में डूबा हुआ है। फिलिस्तीन के लोग भोजन और पेयजल की समस्या से भी जूझ रहे हैं। गाजा के लोग उस वक्त दशहत में आ गए, जब मैसेजिंग ऐप अचानक बंद होने के कारण परिवारों के साथ उनका संपर्क कट गया और कॉल आने बंद हो गए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को फिलिस्तीन के राजदूत ने गाजा में जारी युद्ध को लेकर आग्रह किया कि बमबारी रोककर लोगों की जान बचाई जाए। हालांकि, इजरायल के राजदूत ने कठोर रुख जारी रखते हुए एक बार फिर हमास के खात्मे का दृढ़ संकल्प दोहराया। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हमले के बाद से जारी युद्ध की गूंज 193 देशों वाली महासभा के विशाल कक्ष में भी सुनाई दी। युद्ध को रोकने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रयास विफल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाड एरडन को छोड़कर एक के बाद एक विभिन्न वक्ताओं ने संघर्ष विराम के आह्वान से संबंधित अरब के प्रस्ताव का समर्थन किया। एरडन ने महासभा से कहा, 'संघर्ष विराम का मतलब हमास को हथियार जुटाने के लिए समय देना होगा, ताकि वे एक बार फिर हमारा नरसंहार कर सकें।'