केनरा बैंक का दूसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 43 प्रतिशत बढ़कर 3,606 करोड़ रुपये पर
नई दिल्ली
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक का चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 43 प्रतिशत बढ़कर 3,606 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। ब्याज आय बढ़ने और डूबे कर्ज के लिए प्रावधान घटने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 2,525 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। तिमाही के दौरान बेंगलुरु के इस बैंक की शुद्ध ब्याज आय 19.76 प्रतिशत बढ़कर 8,903 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
समीक्षाधीन अवधि में बैंक का कुल प्रावधान घटकर 2,608 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 3,637 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण का 4.76 प्रतिशत रह गईं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के अंत तक 6.37 प्रतिशत पर थीं।
इंडियन बैंक का दूसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 62 प्रतिशत बढ़कर 1,988 करोड़ रुपये पर
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक का शुद्ध लाभ सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 62 प्रतिशत बढ़कर 1,988 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 1,225 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
चेन्नई स्थित बैंक ने बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी ब्याज आय बढ़कर 13,743 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 10,710 करोड़ रुपये थी। बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सितंबर अंत तक घटकर कुल कर्ज का 4.97 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.30 प्रतिशत के स्तर पर थीं।
पीएनबी का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में चार गुना होकर 1,756 करोड़ रुपये पर
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ चार गुना होकर 1,756.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। ब्याज आय बढ़ने और फंसे कर्जों के लिए प्रावधान की जरूरत कम होने से उसका लाभ बढ़ा है।
पीएनबी ने शेयर बाजारों को जुलाई-सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 411.27 करोड़ रुपये रहा था।
आलोच्य तिमाही में बैंक की ब्याज आय 31 प्रतिशत बढ़कर 26,355 करोड़ रुपये हो गई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 20,154 करोड़ रुपये थी।
फंसे कर्जों के लिए वित्तीय प्रावधान भी इस तिमाही में घटकर 3,444 करोड़ रुपये पर आ गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 4,906 करोड़ रुपये था।
कुल कर्जों में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) का अनुपात घटकर 6.96 प्रतिशत पर आ गया जबकि साल भर पहले यह 10.48 प्रतिशत था।